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मुझमें दम है और मैं लड़ूंगा अपने पंजाब के लिये: अमरिंदर

चंडीगढ़, 20 अक्तूबर(वार्ता) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा है कि उनमें अभी दम है और वह राज्य के लिये लड़ते रहेंगे और जब वह समझोंगे कि वह राजनीति और आगे नहीं जा सकते तो रिटायर हो जाएंगे।
कैप्टन सिंह ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह अभी लड़ने के मूड में हैं और अपने प्रदेश के लिये लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने के उनके ऐलान के बाद पार्टी के कुछ नेताओं ने उनसे सम्पर्क कर फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था। लेकिन वह समझते हैं हर इंसान अपना जमीर और सोचने की शक्ति होती है। उन्होंने जब फैसला ले लिया है तो इससे पीछे हटने का सवाल ही नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुये पूरे दमखम के साथ पार्टी के लिये काम किया और अब जब पार्टी उन्हें नहीं चाहती है तो वह इसे छोड़ देंगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं वह घर बैठ जाएंगे। वह जबरदस्ती किसी पद पर बने नहीं रहना चाहते। पार्टी हाईकमान ने उनसे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा था तो उन्हें इसे राज्यपाल को सौंप दिया। इस पर उन्होंने एक बार भी हाईकमान से सवाल नहीं किया। “लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं नाराज होकर घर बैठ जाऊं। मुझमे अभी दम है और लड़ने के मूड में हूँ। मैं कभी संसद में नहीं गया और प्रदेश में ही रह कर इसके लिये लड़ता रहा हूँ। जब मुझे लगेगा कि समय आ गया है तो राजनीति से रिटायर हो जाऊंगा लेकिन अभी तो मैं लड़ूंगा“।
उन्होंने कहा कि वह राज्य विधानसभा चुनावों के लिये समाज विचारधारा वाले दलों और लोगों से गठबंधन करेंगे। इस बारे में सभी विकल्प खुले रखेंगे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर उन्होंने कहा कि वह उनकी सरकार में साढ़े चार साल तक तकनीकी शिक्षा और सांस्कृतिक मंत्री रहे और मंत्री के रूप में उन्होंने अच्छा काम किया। जबकि नवजोत सिंह सिद्धू एक बेकार मंत्री थे। उनके पास सात महीने तक फाइलें पड़ी रहती थीं और उन्हें अपने मंत्रालय के काम के बारे में कुछ भी पता ही नहीं होता था। इसलिये उन्होंने सिद्धू को सरकार से बाहर कर दिया। सिद्धू को जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा रहा था तब भी उन्होंने पार्टी हाईकमान को लिख कर उसे बताया था कि यह व्यक्ति पार्टी को तंग करेगा और जब तक इसका अहसास होगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।
कैप्टन सिंह ने कहा कि उन्होंने हाईकमान से कहा था कि पार्टी को उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने देना चाहिये और अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेंगे और राजनीति से रिटायर हो जाएंगे और अपनी सीट से भी इस्तीफा दे देंगे। इससे उन्हें यह खुशी होती कि वह जीत कर पार्टी से बाहर आये हैं...निकाला नहीं गया है।
रमेश2044वार्ता
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