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उच्च न्यायालय भवन के लिए अलग भूमि की मांग का दमदमी टकसाल द्वारा विरोध

मेहता चौक, 11 जुलाई (वार्ता) दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के अध्यक्ष संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा पंजाब उच्च न्यायालय बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में अलग से जमीन की मांग का कड़ा विरोध किया है।
ज्ञानी हरनाम सिंह ने सोमवार को कहा कि ऐसा करके श्री मान ने पंजाब के मामले को कमजोर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि किसी भी केंद्रीय मंत्री को पंजाब की जमीन किसी और को देने का अधिकार नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री के बयान से लगता है कि केंद्र चंडीगढ़ को पंजाब का नहीं बल्कि केंद्र का हिस्सा मानता है। उन्हें हालांकि पता होना चाहिए कि चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी के रूप में पंजाब की भूमि पर स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री की हरियाणा को अपनी नयी विधानसभा के निर्माण के लिए चंडीगढ़ में जमीन आवंटित करने की घोषणा दुखद और अस्वीकार्य है।
श्री खालसा ने चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को सौंपने की मांग की और कहा कि केंद्र को हरियाणा विधानसभा के लिए पंचकूला में इसी कीमत पर नया भवन बनाने के लिए जमीन हरियाणा को देनी है। उन्होंने कहा कि पंजाब और पंजाब के लोग चंडीगढ़ से अपना हक और दावा नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को पंजाब उच्च न्यायालय के लिए कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय पंजाब का है और रहेगा।
श्री खालसा ने श्री मान को यह साबित करने के लिए कहा कि वह दिल्ली के आकाओं के हाथों असहाय होने के बजाय पंजाब का पुत्र है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों ने पंजाब के हक के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पंजाब के अधिकारों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने के लिए भी कहा।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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