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एसजीपीसी करती है डीएसजीपीसी के कार्यों में हस्तक्षेप:कालका

जालंधर 02 अगस्त (वार्ता) दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष श्री हरमीत सिंह कालका और महासचिव श्री जगदीप सिंह काहलों ने मंगलवार को कहा कि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति अमृतसर अपने आकाओं को खुश करने के लिए दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी के कार्यों में हस्तक्षेप करती रही है।
श्री कालका ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि एसजीपीसी द्वारा सिख सिद्धांतों में प्रचार की कमी के कारण ही पंजाब के युवा धर्म परिवर्तन और नशे की चपेट में आये हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के युवाओं को जागरुक करने के लिए दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा ‘‘धर्म जागरुकता लहर‘‘ चलाई जायेगी जिसकी रस्मी शुरुआत बुधवार को अमृतसर स्थित श्री गुरु तेग बहादुर यात्री निवास, लारेंस रोड पर होने वाले अरदास समागम में की जायेगी।
सिख नेताओं ने कहा कि देश-विदेश में रहने वाले कई पंथ प्रेमियों व सिक्ख धर्म में पूर्ण आस्था रखने वाले सिखों ने उनसे संपर्क कर पंजाब के नौजवानों में पतित होने और नशा करने की बढ़ती घटनाओं तथा कथित तौर पर लोभ-लालच में फँस कर धर्म परिवर्तन किये जाने के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को इस मामले में कोई पहल करने की अपील की थी। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी द्वारा गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में हाल ही में करवाये गये सिख बुद्वीजीवियों, संत समाज और सिंह सभाओं की संयुक्त मीटिंग में ‘‘धर्म जागरुकता लहर‘‘ चलाने संबंधी सर्वसमिति बनी थी जिसको अमली जामा पहनाने के लिए अरदास समागम करवाया जायेगा।
श्री कालका ने कहा कि इस लहर में शामिल होने के लिए एसजीपीसी सहित सभी सिख संगठनों और संत समाज को कल आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी के साथ मिलकर धर्म जागरूकता लहर की अगली रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेवारी टकसाली नेता मनजीत सिंह भूमा को सौंपी गई है।
इस अवसर पर श्री काहलों ने देशभर में परीक्षाओं के दौरान सिक्ख विद्यार्थियों के ‘ककार’ पहनने पर पाबंधी लगाये जाने के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रक्ट करते हुए कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी द्वारा कर्नाटक सहित कई स्थानों पर ऐसे मामले सामने आने पर कानूनी कारवाई करके सिक्ख विद्यार्थियों के पक्ष में फैसला दिलाने में सफलता हासिल की है, बावजूद इसके आज भी ऐसे मामले सामने आना चिंता का विषय जरूर हैं, लेकिन कानूनी आधार पर सिखों को मिली छूट को आधार बनाकर जागरुकता बढ़ानी जरूरी है, जिसके लिए सोशल मीडिया लाभदायक प्लेटफार्म है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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