राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Oct 4 2022 6:52PM हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी एक्ट के विरोध में शिरोमणि कमेटी ने किया रोष मार्चअमृतसर, 04 अक्टूबर (वार्ता) अलग हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति अधिनियम को रद्द करने और सिख मामलों में पंथ विरोधी ताकतों के हस्तक्षेप के खिलाफ, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने श्री दरबार साहिब से अमृतसर में उपायुक्त कार्यालय तक एक विशाल विरोध मार्च निकाला और जिला उपायुक्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक मांग पत्र सौंपा।विरोध मार्च का नेतृत्व शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने किया, जिसमें काली पगड़ियां पहन कर शिरोमणि कमेटी के पदाधिकारियों, सदस्यों और कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। एडवोकेट धामी ने डीसी की अनुपस्थिति के कारण अतिरिक्त उपायुक्त को मांग पत्र सौंपने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक उपायुक्त स्वयं मांग पत्र प्राप्त करने नहीं आते तब तक विरोध जारी रहेगा। इसके बाद शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट धामी के नेतृत्व में सभी सदस्य धरने पर बैठ गए। यह धरना करीब दो घंटे तक चलता रहा, जिसके बाद अमृतसर के उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन ने खुद आकर शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी से ज्ञापन लिया।एसजीपीसी अध्यक्ष धामी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा हरियाणा के लिए अलग गुरुद्वारा एक्ट 2014 को मान्यता दिए जाने से सिख जगत में भारी विरोध है और यह फैसला शिरोमणि समिति को तोड़ने वाला है। पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के अनुसार सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 एक अंतरराज्यीय अधिनियम बन गया है, इसलिए इसमें कोई भी संशोधन केवल केंद्र सरकार द्वारा शिरोमणि समिति की सिफारिशों के साथ किया जा सकता है, लेकिन नियमों का जानबूझकर उल्लंघन किया जा रहा है। ठाकुर.श्रवण वार्ता