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एचएन इन्फ्लूएंज़ा को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, आइसोलेशन वार्ड बनाए

जींद, 11 मार्च (वार्ता) कर्नाटक, दिल्ली और गुड़गांव सहित अन्य शहरों में एचएन इन्फ्लूएंजा के मामले सामने आने पर जींद में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है और उसने किसी भी स्थिति के लिये आइसोलेशन वार्ड बनाए हैं।
जींद के जुलाना में एक व्यक्ति की एचएन इन्फ्लूएंजा से मौत होने की चर्चाएं हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। उसने परिजनों की जांच के साथ एहतियात के तौर पर कई कदम उठाए हैं। वहीं जींद में इस समय बुखार, खांसी और जुखाम के प्रतिदिन 150 से 200 मरीज उपचार के लिए आते हैं और एचएन इन्फ्लूएंजा के कई संकेत इन बीमारियों से मिलते जुलते हैं। ऐसे में चिकित्सकों की सलाह है कि अगर दो दिन से ज्यादा बुखार है तो चिकित्सक से परामर्श लेकर दवा लें।
नागरिक अस्पताल के डॉक्टर नरेश वर्मा के अनुसार तथ्यों में सामने आया है कि एचएन इन्फ्लूएंजा नाक, गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है। जब बीमार लोग खांसी, छींक या बात करें तो श्वसन कण हवा में आ जाते हैं और आसपास के लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। दूषित हाथों से होंठ, आंख या नाक को छूने से भी व्यक्ति फ्लू की चपेट में आ सकता है। इसके मुख्य लक्ष्णों में नाक बहना, तेज बुखार होना, सिर दर्द, खांसी, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, बुखार, बुखार में ठंड महसूस करना, थकान, गले में खराश आदि है।
अस्पताल के डा. बिजेंद्र ढांडा ने बताया कि वायरस के प्रभाव से बचना है तो हमें स्वस्थ आदतों को अपने जीवन में शुमार करना होगा। जिनमें साबुन से हाथ धोना, भीड़भाड़ में जाने पर मास्क का प्रयोग करना, दूरी बनाए रखना, छींकने और खांसी पर मुंह और नाक को कवर करना, फ्लू के लक्ष्ण हों तो तुरंत चिकित्सक से उपचार लेना हैं। खांसते और छींकते समय अपना मुंह ढकने से संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी। बिना धुले हाथों से मुंह, नाक या आंखों को छूने से परहेज करें। नियमित व्यायाम करें।
वहीं जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में इस बीमारी की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते अभी तक यह कह पाना मुश्किल है कि जिले में कोई मरीज एचएन इन्फ्लूएंजा का नहीं है। लोगों की मांग है कि सरकार ने जैसे कोरोना काल में कोविड को लेकर जांच मुफ्त की थी वैसे ही एचएन इन्फ्लूएंजा की भी जांच हो। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने एचएन इन्फ्लूएंजा को लेकर जागरूकता अभियान की शुरूआत की है। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में विशेष आइसोलेशन वार्ड बनाए गये हैं जिसमें लगभग 10 बैडों की व्यवस्था है। यह अस्पताल 200 बैड का है और प्रत्येक बैड पर ऑक्सीजन की सुविधा है। लेकिन एचएन इन्फ्लूएंजा को देखते हुए ऑक्सीजन व्यवस्था को और पुख्ता किया जा रहा है। कोरोना को लेकर नमूने पहले से ही लिए जा रहे हैं अब इन्हें बढ़ाया जाएगा। सामाजिक दूरी की व्यवस्था की जा रही है।
अस्पताल के डिप्टी चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश भोला ने बताया कि एचएन इन्फ्लूएंजा के लक्ष्ण काफी कुछ कोरोना से मिलते-जुलते हैं। ऐसे में अगर दो से तीन दिन में बुखार ठीक न हो रहा हो या खांसी भी रुक नहीं रही हो तो खुद से दवा न न लें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दमा, हृदयरोगी, गुर्दारोग पीड़ित समेत अन्य बीमारियों ग्रस्त मरीजों को संक्रमण से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतें।
सं.रमेश.संजय
वार्ता
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