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टीईटी पेपर लीक मामले की हो उच्चस्तरीय करवाई जाए : प्रो सरचंद

अमृतसर, 14 मार्च (वार्ता) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सलाहकार प्रो सरचंद सिंह ख्याला ने शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) लीक मामले में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के दो अधिकारियों के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को नाकाफ़ी बताते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
प्रो सरचंद ने संबंधित कुलपति को जांच में शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि दोबारा परीक्षा लेने के लिए सरकारी खजाने पर जो भी बोझ पड़ेगा, उसका पूरा खर्च जिम्मेदार व्यक्ति की जेब से देने की व्यवस्था की जाए।
प्रो सरचंद सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से कहा कि जिस विश्वविद्यालय ने अपनी अक्षमता और लापरवाही का प्रदर्शन किया है, उसे दोबारा परीक्षा कराने की जिम्मेदारी देकर सरकार अपनी अक्षमता नहीं दिखाए। उन्होंने टीईटी की दोबारा परीक्षा की जिम्मेदारी किसी अन्य संस्था को सौंपने की वकालत करते हुए कहा कि अक्षमता दिखाकर अपनी विश्वसनीयता खो चुके जीएनडीयू को दोबारा परीक्षा का अधिकार देने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2023 टीईटी परीक्षा कराने की जिम्मेदारी जीएनडीयू के वीसी डॉ जसपाल सिंह संधू को दी थी। तो वह किसी भी गड़बड़ी के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि वीसी ने इस काम की जिम्मेदारी अपने खासम खास और सेवा मुक्ति के बाद विश्वविद्यालय में अपने ओएसडी के महत्वपूर्ण पद से नवाजे गए डॉ हरदीप सिंह और प्रो रविंदरपाल सिंह को सौंपी थी। उन्होंने कहा कि परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को सौंपना संदिग्ध है।
प्रो सरचंद ने बताया कि इसी पेपर लीक मामले की जांच के लिए वीसी द्वारा गठित कमेटी के प्रमुख भी सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। इसलिए इस मामले में लीपा पोती के अलावा किसी सार्थक परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है। इसलिए उन्होंने इस मामले की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए किसी बाहरी एजेंसी से जांच कराने की जरूरत पर जोर दिया है और इस जांच के दायरे में वीसी और रजिस्ट्रार को भी शामिल करने की मांग की है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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