Friday, Mar 29 2024 | Time 03:20 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


भाजपा विधायक ने माना कि चुनावी लाभ के लिए संस्थान खोले जाते हैं

शिमला, 15 मार्च (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के झंडूता से भारतीय जनता पार्टी विधायक जीत राम कटवाल ने विधानसभा में कहा कि चुनावी वर्षों में चाहे वीरभद्र सिंह की सरकार हो या जय राम ठाकुर की दोनों सरकारों ने संस्थान खोले और यह कोई नई बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकारों ने ऐसा चुनावी फायदे के लिए किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछली सरकार द्वारा 632 संस्थानों को खोलने के लिए 5,000 करोड़ रुपये की देनदारी दिखाई है और अब 300 शैक्षणिक संस्थानों को गैर-अधिसूचित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आप 300 शैक्षणिक संस्थानों को 31 मार्च, 2023 तक चलाने के लिए बाध्य हैं क्योंकि छात्रों का शैक्षणिक सत्र अभी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारों ने जरूरत के आधार पर संस्थान खोले हैं। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कई स्वास्थ्य संस्थानों में एक या दो डॉक्टर हैं, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इसे बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस कदम की निंदा करने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है और इस पर आठ लाख से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किया है।
सदन में जब श्री कटवाल बहस में हिस्सा ले रहे थे तब एक विपक्षी सदस्य द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद तीखी बहस शुरू हो गई। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि श्री कटवाल को सत्ता पक्ष के सदस्यों की टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए क्योंकि सदन की कार्यवाही के अनुसार अभद्र टिप्पणी करने से बचना चाहिए लेकिन मामूली टिप्पणी और हस्तक्षेप के माध्यम से अपनी बात रखने की स्वतंत्रता से सदस्यों को वंचित नहीं करना चाहिए। श्री कटवाल ने कांग्रेस सदस्य पर भी एक टिप्पणी की जिसे स्पीकर ने अनावश्यक समझकर सदन की कार्यवाही से हटा दिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि श्री कटवाल सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं और उन्हें दूसरे पक्ष के सदस्यों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए क्योंकि वे भी श्री कटवाल की तरह जनता द्वारा चुनकर सदन में आए हैं। उन्होंने कहा कि सदस्यों को सदन की कार्यवाही का पालन करना चाहिए और बहस में शामिल होते समय उस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए जैसा उन्होंने किया है।
चर्चा की शुरुआत में सुखराम चौधरी ने कहा कि पांवटा और नाहन में दो विद्युत सब-डिवीजन खोले गए क्योंकि क्षेत्र में केवल तीन सब-डिवीजन हैं जिन्हें सरकार ने गैर-अधिसूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी उचित वित्तीय प्रावधानों को अपनाते हुए विद्युत संस्थानों को खोला गया लेकिन सरकार ने उन्हें एक झटके में बंद कर दिया।
भाजपा के हंस राज ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार में भरमौर विधानसभा में दो कॉलेज खोले गए जिसे जयराम ठाकुर सरकार ने जारी रखा। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने अपने ढाई माह के शासन में 4,500 करोड़ रुपये का ऋण लिया है लेकिन भाजपा सरकार ने 69,600 करोड़ रुपये का ऋण लेना पड़ा जो अब 75,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार को पिछली भाजपा सरकार को 45,000 करोड़ रुपये का भारी भरकम बोझ विरासत में दिया था।
चर्चा में, कांग्रेस सदस्य राजीव धर्माणी ने कहा कि भाजपा हिमाचल प्रदेश में शराब की दुकानों की नीलामी नहीं करने पर हाय-तौबा मचा रही है, लेकिन पिछली सरकार ने बिना संसाधन जुटाने और बजटीय प्रावधान किए इतने सारे संस्थान खोले, लेकिन उसने शराब की दुकानों की नीलामी नहीं की और शराब को पुरानी दरों पर बेचने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सोसोदिया को शराब की दुकानों की नीलामी नहीं करने पर गिरफ्तार किया लेकिन भाजपा के सदस्यों ने राज्य के फैसलों की कभी सराहना नहीं की।
इंद्रदत्त लखन पाल ने विपक्षी सदस्यों के स्थगन प्रस्ताव को अनुमति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस विपक्ष में था और सत्ता पक्ष से नियम 67 लागू करने का अनुरोध किया जाता था, तब उन्हें कभी ऐसी अनुमति नहीं मिलती थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सदस्य कांग्रेस पर उनके शासनकाल में खोले गए संस्थानों को बंद करने की बात करते हैं लेकिन कोविड महामारी के दौरान सरकार को दिए गए उनके योगदान को भूल जाते हैं।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने श्री काटवाल की टिप्पणी को हटाने पर हस्तक्षेप करते हुए आधिकारिक गैलरी की ओर ध्यानाकर्षित किया जहां एक अधिकारी सदन की गरिमा की परवाह किए बिना मोबाइल फोन सुन रहा था।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि वह श्री ठाकुर की टिप्पणी पर संज्ञान लेंगे और जिस अधिकारी द्वारा सदन के नियमों के उल्लंघन करने की वह बात कर रहे हैं, उसे इस कृत्य को दोबारा नहीं करने के लिए सतर्क किया जाएगा और अगर वह ऐसा करता है तो उसे सदन की कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने बार-बार विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों को चेतावनी दिया कि नियम 67 के अंतर्गत वे इस मुद्दे से भटक नहीं सकते क्योंकि इसके लिए पूरे कामकाज को निलंबित किया गया है और उन्हें केवल इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।
बहस के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने भोरंज के कांग्रेसी विधायक सुरेश कुमार द्वारा उनपर की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताया कि कोविड के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण पूर्व भाजपा शासन द्वारा एक स्वास्थ्य मंत्री को हटाया गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने सदस्य को शाम छह बजे तक विधानसभा में रिकॉर्ड रखने की चुनौती दी है और अगर ऐसा होता है तो वह विधानसभा से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि सदन के अध्यक्ष रहे सदन के सदस्य पर इस प्रकार की टिप्पणी के लिए संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सदस्य सुरेश कुमार ने कहा था कि कोविड के दौरान भाजपा शासनकाल में उनके विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य संस्थान खोले गए लेकिन मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और संस्थान व्यावहारिक नहीं हो सके।
अभय.संजय
वार्ता
image