राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Mar 16 2023 7:51PM उ प्र के इंजीनियरों की हड़ताल के समर्थन में पंजाब, हरियाणा में विरोध सभाएंजालंधर, 16 मार्च (वार्ता) बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की हड़ताल के समर्थन में पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर सहित सभी बिजली उपयोगिताओं के मुख्यालयों और परियोजनाओं पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और विरोध सभाएँ आयोजित की गईं।बुधवार को राज्यव्यापी कार्य बहिष्कार के बाद उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले इंजीनियरों सहित बिजली कर्मचारियों ने तीन दिसंबर 2022 को हस्तक्षारित समझौते को लागू करने करी मांग मांग को लेकर आज से 72 घंटे की कुल हड़ताल पर चले गए हैं। समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन और राज्य सरकार द्वारा लिखित समझौते का सम्मान नहीं करने के कारण कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने कर्मचारियों के मुद्दों को हल करने के लिए 15 दिन का समय मांगा था, लेकिन समझौते पर हस्ताक्षर करने के 16 सप्ताह बाद भी कुछ नहीं किया गया।एनसीसीओईईई के संयोजक प्रशांत चौधरी और एआईपीईएफ के महासचिव आज लखनऊ पहुंच रहे हैं और बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की रैली को संबोधित करेंगे।ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के एक प्रवक्ता वी के गुप्ता ने कहा कि एनसीसीओईईई ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य के स्वामित्व वाली बिजली उत्पादन पारेषण और वितरण उपयोगिताओं के निजीकरण का विरोध करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी नवंबर, 2022 से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनपरा और ओबरा की दो नई 800 मेगावाट उत्पादन इकाइयों और संबंधित पारेषण संपत्तियों के निजीकरण के प्रयासों के खिलाफ संघर्ष की राह पर हैं।उन्होने कहा कि तीन दिसंबर 2022 को उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री की उपस्थिति में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और यूपी पावर कॉरपोरेशन के बीच बिजली संपत्तियों का निजीकरण नहीं करने के आश्वासन के साथ एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। बिजली निगमों का प्रबंधन पूरी तरह से पीछे हटते हुए अब आपसी सहमति और हस्ताक्षरित समझौते से इनकार कर रहा है।हड़ताली बिजली कर्मचारी बिजली क्षेत्र की बारहमासी नौकरियों में लगे संविदा कर्मियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से शुरू करने और बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को रद्द करने की भी मांग कर रहे हैं। ठाकुर.श्रवण वार्ता