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हिमाचल का बजट पूरी तरह खोखला , ओपीएस बहाल नहीं-ठाकुर

शिमला, 20 मार्च (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि तीन माह बाद भी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले वादा किया था कि ओपीएस को बहाल करेगें।
विधानसभा में राज्य के 2023-24 के बजट पर सोमवार को चर्चा शुरू हुई। प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा शुरू करते हुए बजट को पूरी तरह खोखला करार दिया। उन्होंने कहा कि बजट भाषण बजट आंकड़ों से कतई मेल नहीं खाता है और सरकार ने इस बजट के माध्यम से लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार के जनता को गुमराह करने के प्रयास और जनविरोधी निर्णयों का जमकर विरोध करेगा।
उन्होंने यह भी कि सरकार विपक्ष को नजर अंदाज नहीं कर सकती और यदि ऐसा हुआ तो लोग सरकार को नजर अंदाज कर देंगे।
श्री ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने बजट में पूर्व भाजपा सरकार द्वारा आरंभ की गई सभी कल्याणकारी योजनाओं को बजट से बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में एक सौ रुपए में से महज 29 रुपए ही विकास के लिए बचे हैं। ऐसे में प्रदेश में विकास की संभावना बहुत कम हो गई है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने विधायकों तक को नहीं बख्शा है और विधायक क्षेत्र विकास निधि को बंद कर विधायकों को कमजोर कर दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा सैंकड़ों संस्थान बंद करने पर तंज करते हुए कहा कि अब स्थिति यह हो गई है कि प्रदेशभर में लोग बंद-बंद सुनते यह पूछने लगे हैं कि सरकार कब बंद होगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने बजट में 2.31 लाख महिलाओं को 1500 रुपए मासिक भत्ता देने की घोषणा कर प्रदेश की महिलाओं को ठगा है। उन्होंने कहा कि ये 1500 रुपए भत्ता उन महिलाओं को दिया जाएगा, जो पहले से ही 1000 और 1150 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रतिज्ञा पत्र के अनुसार 18 से 60 वर्ष तक आयु की सभी महिलाओं को यह भत्ता मिलना चाहिए था और इनकी संख्या लगभग 21 लाख है, जिसके लिए सरकार को कम से कम 3600 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।
उन्होंने सरकार के ग्रीन हिमाचल के विचार की सराहना की और कहा कि वास्तव में यह केंद्र सरकार की योजना है और प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री देश को हरित ऊर्जा देश बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं ताकि जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम की जा सके।
उन्होंने कहा कि अब कर्मचारियों को धोखा दिया जा रहा है क्योंकि सरकार अभी भी ओपीएस के लिए एसओपी बनाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र हिमाचल प्रदेश को राजकोषीय घाटा अनुदान के रूप में 8098 करोड़ रुपये जारी करेगा, जिसके लिए राज्य को केंद्र की मोदी सरकार का धन्यवाद देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा सभी राज्यों को जीएसटी प्रतिपूर्ति अनुदान वापस ले लिया गया है क्योंकि यह केवल 2017-22 की अवधि के लिए था। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने कर्मचारियों के वेतन के लिए 13297 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था लेकिन इस सरकार ने वेतन पर खर्च नहीं बढ़ाया क्योंकि यह लगभग 14000 करोड़ रुपये होगा।
सं , जांगिड़
वार्ता
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