राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Apr 30 2023 9:47PM बच्चों के स्वस्थ जीवन का आधार टीकाकरण :सरकारी प्रवक्ताशिमला 30 अप्रैल (वार्ता) देश सहित हिमाचल प्रदेश में विश्व टीकाकरण सप्ताह 24 से 30 अप्रैल, 2023 तक दुनियाभर में मनाया गया। इस वर्ष इस सप्ताह का विषय ‘दि बिग कैच-अप’ रहा। हिमाचल प्रदेश में भी इस सप्ताह को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया।इस बार इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य प्रत्येक पात्र शिशु तथा गर्भवती महिला को रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करना तथा टीकाकरण से छूटे हुए लाभार्थियों को कवर करना था। यह जानकारी प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को यहां दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस सप्ताह के दौरान विभिन्न स्थानों पर टीकाकरण शिविर लगाए गए तथा जागरूकता गतिविधियां भी संचालित की गईं ताकि अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण की महत्ता से अवगत करवाया जा सके। इस कार्यक्रम के तहत झुग्गियों, प्रवासी आबादी वाले क्षेत्र, श्रमिक शिविरों तथा स्थायी बस्तियों जैसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में टीकाकरण पर बल दिया गया।प्रदेश में विभिन्न टीकाकरण सत्रों के दौरान लगभग 600 बच्चों का टीकाकरण किया गया। प्रदेश में प्रतिवर्ष 390 स्थानों पर 44 हजार टीकाकरण सत्रों के माध्यम से लगभग एक लाख शिशुओं तथा 1.20 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है। इस वर्ष विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान खसरा (मिजल) तथा रूबेला को समाप्त करने पर बल दिया गया।निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी ने जानकारी देते हुए कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के तहत गर्भवती माता, शिशु के जन्म से लेकर 16 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को 11 बीमारियों के बचाव के लिए निःशुल्क टीके लगाए गए हैं। इस कार्यक्रम में नियमित टीकाकरण, फ्रेक्शनल आईपीवी की तीसरी डोज के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई।नियमित टीकाकरण के साथ नौ माह के बच्चों को फ्रेक्शनल आईपीवी की तीसरी डोज भी दी गई जो बच्चों को नौवें महीने में मिजल-रूबेला (एम.आर.) के टीके साथ दी जाती है। यह बच्चे की बाईं बाजू के ऊपरी भाग में लगाई गई। कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि कौन-सा टीका कहां पर और किस बीमारी को रोकने के लिए लगाया जाता है। टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों को समाप्त करते हुए बताया कि टीकाकरण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इससे बच्चे बहुत सारी जानलेवा बीमारियों से बच सकते हैं।टीकाकरण बिल्कुल सुरक्षित है तथा बच्चों के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। यह सभी टीके सभी बच्चों को निःशुल्क सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जाते हैं। जन्म के समय बच्चों को हेपेटाइटिस बी, पोलियो, बीसीजी की खुराक जरूर दिलवानी चाहिए। अगर बीसीजी न लगा हो तो छह सप्ताह में टीकाकरण की खुराक के साथ जरूर लगवानी चाहिए। एक वर्ष तक बीसीजी का टीका, रोटा वायरस की पांच बूंदें, 6वें, 10वें तथा 14वें सप्ताह में जरूर पिलानी चाहिए। लोगों को टीकाकरण की बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है।सं.संजयवार्ता