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सरकारी कार्यालयों में समय बदलने को मुख्यमंत्री ने बताया ‘नये युग का आग़ाज़’

चंडीगढ़, 02 मई (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि सरकारी कार्यालयों में समय बदलने का दम जनता के हितार्थ लिया गया और यह राज्य में ‘नये युग का आग़ाज़’ के समान है।
श्री मान ने यहां पंजाब सिविल सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार के इस कदम से रोज़ाना 350 मेगावाट बिजली की बचत के दो मई से 15 जुलाई तक लगभग 40-45 करोड़ रुपए की बचत होगी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “ इस महत्वपूर्ण कदम से जहाँ लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी, वहीं यह कदम सरकारी मुलाजिमों की कार्यकुशलता बढ़ाने में भी सहायक होगा। ”
इससे पहले मुख्यमंत्री ने सुबह 7.28 पर अपने कार्यालय पहुँचे। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला लम्बे विचार-विमर्श के बाद लिया गया है जो आने वाले महीनों में लोगों को भयानक गर्मी से बचाने में बहुत सहायक होगा। उन्होंने कहा कि कई पश्चिमी देशों में मौसम की तब्दीली के अनुसार घड़ियाें का समय बदलना एक आम प्रक्रिया है, लेकिन भारत में पहली बार यह ऐतिहासिक शुरुआत की गई है। नये समय के अनुसार अब आम व्यक्ति अपने काम से छुट्टी लिए बिना सुबह अपना कामकाज जल्द कर सकेगा। इससे सरकारी कर्मचारियों को भी सुविधा मिलेगी क्योंकि वे अब सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत कर सकेंगे। कर्मचारी अपने बच्चों के साथ अधिकाधिक समय बिताऐंगे क्योंकि वे भी बच्चों की छुट्टी के साथ ही
घर पहुँच जाया करेंगे।
श्री मान ने कहा कि इस फ़ैसले से सरकारी दफ्तरों में रोज़ाना 350 मेगावाट बिजली की बचत होने की सम्भावना है जिससे सरकारी दफ्तरों के बिजली खर्च में भारी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि पावरकॉम के आंकड़ों से अनुसार अपराह्न 1.30 से शाम के चार बजे तक बिजली की अधिक खपत वाला समय है, लेकिन अब कार्यालय दोपहर दो बजे बंद रहेंगे, इससे बिजली की खपत में कमी करने में मदद मिलेगी। उन्हाेंने कहा कि हर माह औसतन 16 से 17 करोड़ रुपए की बचत होगी और दो मई से 15 जुलाई तक के समय के दौरान राज्य सरकार को 40 से 42 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि नयी समय-सारणी यह भी सुनिश्चित करेगी कि सरकारी कार्यालयों में प्राकृतिक रौशनी का अधिकाधिक इस्तेमाल किया जाये। 15 जुलाई के बाद जनता समेत सभी से फीडबैक लेकर फ़ैसले की समीक्षा की जायेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में और भी नागरिक केंद्रित फ़ैसले लेगी।
श्री मान ने कहा कि सरकारी कार्यालयों का समय बदलने के कदम से सिर्फ़ बिजली की बचत ही नहीं बल्कि इससे यातायात को सुचारू ढंग के साथ चलाने में भी मदद मिलेगी। इस कदम के बारे में जानने के लिए अन्य राज्यों ने भी जिज्ञासा व्यक्त की है और दूसरे राज्य भी इसका अनुसरण कर सकते हैं। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि बड़े शहरों जैसे कि बेंगलुरु, चेन्नई, मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली और अन्यों में ऐसे कदम यातायात की समस्या को सुचारु बनाने में मदद कर सकते हैं जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है क्योंकि खेती, घरेलू या उद्योग समेत सभी क्षेत्रों की ज़रूरतें पूरी करने के लिए अतिरिक्त बिजली पैदा की जा रही है।
रमेश.श्रवण
वार्ता
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