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हिमाचल में बर्फबारी से वाहनों की आवाजाही बंद, 250 कामगार फंसे

शिमला, 03 मई (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के लाहौल में ताजा बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ ही अटल सुरंग से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है।
बर्फबारी से शिंकुला दर्रा के बंद होने से लाहौल के दारचा में करीब 250 कामगार फंसे हैं। ये सभी सीमा सड़क संगठन के मजदूर हैं और लद्दाख के जांस्कर जा रहे हैं। वहीं, कुल्लू जिले में रात से भारी बारिश हो रही है। मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग दारचा तक सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला है लेकिन दारचा-शिंकुला मार्ग सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद है। इसके इलावा पांगी-किलाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग-26 सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला हैं काजा सड़क ग्राफू से काजा बंद है तथा सुमदों से लोसर सभी प्रकार के वाहनों के लिए खुला है। यह जानकारी आपदा नियंत्रण कक्ष लाहौल स्पीति ने दी है।
अप्रैल महीने में हिमाचल में सामान्य से 63 फीसदी अधिक बारिश हुई है जिसके कारण न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। बीते 48 घंटे में हर जिले में बारिश हुई है और आने वाले 3 से 4 दिन में भी मौसम ऐसा ही बना रहेगा। सोलन जिले में सुबह से ही रही तेज बारिश से कालका शिमला एनएच पर जगह जगह पत्थर गिर रहे हैं। बुधवार सुबह धर्मपुर और आसपास के क्षेत्रों में कई जगह पत्थर गिरे जिससे एक कार भी क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने अलर्ट भी जारी किया है।
प्रदेश में गत कुछ दिनों से लगातार बारिश का दौर चल रहा है, जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से सात से आठ डिग्री सेल्सियस कम चल रहे हैं, जिससे मई के महीने में भी लोगों को दिसंबर जैसी ठंड का सामना करना पड़ रहा है। वही ऊंचाई वाले इलाकों लाहौल स्पीति और किन्नौर में ताजा बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो सात मई तक प्रदेश भर में इसी तरह से बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी रहेगा। वहीं बुधवार को मौसम विभाग की तरफ से ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। कुछ जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी भी हो रही है। लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों बागवानों की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। आने वाले दो-तीन दिन लोगों को द्रष्यता में भी दिक्कत आएगी, क्योंकि धुंध बढ़ने का भी मौसम विभाग ने अंदेशा जताया है।
उल्लेखनीय है कि मई माह में जहां मैदानों से लेकर पहाड़ो तक गर्मी लोगों के पसीने छुड़ा दी थी तो वही इस बार कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। अप्रैल के बाद मई माह में भी लोगों को गर्मी से राहत मिली है। आलम यह है कि प्रदेश में इन दिनों मई माह में ठंड जैसा अहसास है। पहाड़ी जिलों की करें तो लोगों ने गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए है। उधर, मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिन तक बारिश के साथ आंधी और ओले गिरने का अनुमान है।
सं.रमेश
वार्ता
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