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पंजाब-गेहूं-पैदावार

गेहूं की पैदावार में सात फीसदी की बढ़ोतरी हुई- डॉ. गिल
अमृतसर, 5 मई (वार्ता) जिले के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. जतिंदर सिंह गिल ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब कृषि विभाग द्वारा किए गए नए प्रयोगों के कारण इस बार गेहूं की पैदावार में सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के दौरान गेहूं की औसत उपज 44.74 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जबकि इस बार औसत उपज 47.78 क्विंटल है।
डॉ गिल ने कहा कि इसका मुख्य कारण गेहूं बोने से पहले पराली नहीं जलाना है, क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के लगातार प्रयासों से हम किसानों को भारी सब्सिडी पर नए कृषि उपकरण देकर खेत में पराली की जुताई में मदद कर पाए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष वर्ष 2021 की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 30 प्रतिशत की कमी आई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि पराली को खेत में मिलाने से जहां खेत में मिट्टी खराब होने से बचती है, वहीं पराली की जुताई करने से पराली मिट्टी में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म तत्वों की पूर्ति करती है, जिससे भूमि की उर्वरता बढ़ती है। इसके अलावा खेत में नमी लंबे समय तक बनी रहती है, जिससे पौधे की वृद्धि में मदद मिलती है।
डॉ. गिल ने कहा कि इसके अलावा फरवरी और मार्च में मौसम फसल के लिए काफी प्रतिकूल था, जिससे गेहूं को पकने में अधिक समय लगा, जो उपज बढ़ाने के लिए अनुकूल हो गया। उन्होंने किसानों से अपील की कि गेहूं के नाड़ को इस बार भी खेत में मिला दें ताकि हमें धान लगाने के लिए अच्छी जमीन मिल सके। ठाकुर वार्त
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