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पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों का जबरन धर्मांतरण गंभीर चिंता का विषय:प्रो सरचंद सिंह

अमृतसर, 05 मई (वार्ता) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सलाहकार प्रो सरचंद सिंह ख्याला ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में हिंदू और सिख समुदायों के जबरन धर्मांतरण गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा से इस मामले को लेकर पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की अपील की है।
प्रो. सरचंद सिंह ने कहा कि पाकिस्तान का सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक माहौल समेत पूरी व्यवस्था अल्पसंख्यकों के लिए दमनकारी हो गई है और जबरन धर्मांतरण में लिप्त चरमपंथियों को सरकारी पनाह मिल रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुरखास में 10 हिंदू परिवारों के 50 सदस्यों को इस्लाम कबूल कराने के समारोह में धार्मिक मामलों के मंत्री मोहम्मद तलहा महमूद के पुत्र मोहम्मद शामरोज खान की शिरकत इसका स्पष्ट प्रमाण है।
प्रो सरचंद सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाना कोई नयी बात नहीं है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि सिंध प्रांत के कस्बों में कुझ दिन पहले ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें हिंदुओं को एक महीने के अंदर अपने धर्म छोड़ने के या पाकिस्तान छोड़ने को कहा है। जिससे उनमें डर का माहौल बनना स्वाभाविक है। इससे पहले स्थानीय हिंदू और मुस्लिम लोगों ने जबरन धर्मांतरण के लिए कुख्यात मौलवी मियां मिठू को सिंध प्रांत से बाहर करने की मांग की थी।
भाजपा नेता ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों की लगातार घटती आबादी की सत्यापित रिपोर्टों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद पाकिस्तान में लगभग 15 प्रतिशत हिंदू आबादी थी, जो अब जबरन धर्मांतरण और कानूनी और सामाजिक भेदभाव जैसे मानवाधिकारों के हनन के कारण हिन्दू कुल जनसंख्या का मात्र 1.18 प्रतिशत रह गया है। कानूनी संरक्षण भी उनकी पहुंच से बाहर हो गया है, क्योंकि हिंदुओं और सिखों के उत्पीड़न के खिलाफ जांचकर्ताओं से लेकर अदालतों तक, तैनात अधिकारी बहुसंख्यक से संबंधित हैं। अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और हिंदू लड़कियों को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए निशाना बनाया जा रहा है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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