Saturday, Apr 20 2024 | Time 11:42 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


डीएसजीएमसी ने सिखों को बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने का किया आह्वान

अमृतसर, 08 मई (वार्ता) दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने सिख समुदाय को देश में शीर्ष नौकरशाही पदों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए अपने बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
जगदीप सिंह काहलों ने सोमवार को बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया की तीसरी शताब्दी जयंती के अवसर पर गुरमत समागम को संबोधित करते हुए कहा कि महाराजा रणजीत सिंह और बाबा बंदा सिंह बहादुर ने भले ही तलवारों को अपने हथियार के रूप में अपना राज्य स्थापित किया था, लेकिन आजकल शिक्षा ही जीवन में सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय तभी बुलंद हो सकता है, जब उनके बच्चे देश में नौकरशाही और अन्य सेवाओं में उच्च पदों पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि यह सही समय है जब सिख समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए कि उनके बच्चे जीवन में सफल हों। उन्होंने कहा कि सिख संगठनों और संस्थाओं को भी सिख बच्चों को जीवन में सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्य करना चाहिए।
काहलों ने सिख इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली में मोरी गेट और तीस हजारी कोर्ट के बारे में सभी जानते हैं लेकिन उनके पीछे का इतिहास किसी को नहीं पता था। उन्होंने कहा कि यह तभी हुआ जब डीएसजीएमसी ने लाल किले में एक समारोह आयोजित किया और लोगों को बताया कि मुगल शासक शाह आलम द्वितीय को हराने के लिए कैसे सिख जनरल बाबा बघेल सिंह, बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया और बाबा जस सिंह अहलूवालिया ने लाल किले की दीवारों में एक मार्ग (मोरी) बनाकर लाल किले में प्रवेश किया था। उन्होंने कहा कि उस स्थान पर 30 हजार सैनिकों की सेना तैनात थी जिसे तीस हजारी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि सिख बलों ने लाल किले पर खालसा झंडा फहराया था, जहां से शहीद गुरु तेग बहादुर साहिब को आदेश जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि न केवल सिख सैनिकों ने खालसा झंडा फहराया बल्कि श्री अकाल तख्त साहिब में मुगल सीट (तख्त ओ तौस) भी ले ली और यह अभी भी श्री दरबार साहिब परिसर में बुग्गा रामगढ़िया में पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे समृद्ध इतिहास और संस्कृति को बचाना सिख समुदाय की सामूहिक जिम्मेदारी है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
image