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2100 करोड़ की लागत से पिलाया जाएगा अमृतसरवासियों को नहर का पानी

अमृतसर 26 मई (वार्ता) पंजाब के अमृतसर वाटर एंड वेस्ट वाटर मैनेजमेंट लिमिटेड ‘नहर जलापूर्ति योजना’ के तहत पहले चरण में 600 करोड़ रुपये की लागत से अपरबारी दोआब नहर का पानी अमृतसर शहर के निवासियों को ‘वल्ल्हा’ में स्थापित ट्रीटमेंट प्लांट से शहर के विभिन्न हिस्सों में उपचारित कर ओवर हैंड स्टोरेज जलाशय (ओएचएसआर) पानी की टंकियों का निर्माण कर पेयजल की निर्बाध आपूर्ति की जाएगी। दो चरणों में पूर्ण होने वाली इस परियोजना पर कुल 2100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
सी.ई.ओ. अमृतसर स्मार्ट सिटी लिमिटेड-कम-कमिश्नर नगर निगम अमृतसर संदीप ऋषि ने शुक्रवार को बताया कि प्रथम चरण में एलएड टी कंपनी द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट से शहर की मुख्य सड़कों तक बड़ी पाइप बिछाई जा रही है, जिसका कार्य जुलाई-2024 तक पूरा किया जाना है। उन्होने बताया कि पंजाब में भूमिगत जल का स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है और कई जगहों पर यह पानी जहरीले तत्वों के साथ मिल रहा है जिससे तरह-तरह की बीमारियां पनप रही हैं। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार की पहल है कि जहां भी नहर का पानी उपलब्ध कराया जा सकता है लोगों को ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से उपचारित कर नहर के पानी को शुद्ध व निर्बाध रूप में उपलब्ध कराया जा सके। इन सभी परियोजनाओं के लिए विश्व बैंक द्वारा रियायती दरों पर करोड़ों रुपये का ऋण दिया जा रहा है।
परियोजना के पहले चरण में अमृतसर और लुधियाना में नहर जलापूर्ति योजना शुरू करने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए अमृतसर स्मार्ट सिटी और नगर निगम अमृतसर विश्व बैंक की फंडिंग के तहत इस प्रोजेक्ट पर काम करेंगे। जिससे शहर में पहले से मौजूद जलापूर्ति के मुलभुत ढांचे के द्वारा नहरी पानी शुद्ध करके 24 घंटे मुहैया करवाया जायेगा। उन्होंने बताया के प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में लगभग 1500 करोड़ रुपये की लागत से शुद्ध पानी का वितरण के लिए ढांचा तैयार करके घर-घर शुद्ध पीने वाला पानी उपलब्ध करवाया जायेगा।
आयुक्त ऋषि ने कहा कि पुराने नलकूपों का भी रखरखाव किया जाएगा और पानी का भंडारण भी किया जाएगा ताकि नहरी पानी की आपूर्ति में किसी तरह की रुकावट आने पर शहरवासियों को परेशानी न हो व आपात स्थिति में पानी की निरंतर आपूर्ति जारी रखी जा सके। उन्होने ओवर हैंड स्टोरेज जलाशय (ओएचएसआर) पानी की टंकियों के निर्माण के दौरान कुछ स्थानीय निवासियों द्वारा निजता के हनन का जवाब देते हुए कहा कि शहर में 70 पुराने और नए टैंक बनाए जा रहे हैं, जिसके लिए अधिकांश सरकारी स्थानों का उपयोग किया जा रहा है। टैंकों के लिए पहले से ही सीमित जगह है और कई जगहों पर ये टैंक पार्कों में बनाए जा रहे हैं, लेकिन इनके निर्माण से किसी शहरवासी को कोई परेशानी नहीं होगी।
ठाकुर.संजय
वार्ता
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