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हरियाणा के सिरसा में छात्रों ने पुरातात्विक क्षेत्रों का भ्रमण किया

सिरसा 08 जून (वार्ता) चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के चतुर्थ सेमेस्टर पुरातत्व स्पेशलाइजेशन के छात्रों ने पुरातात्विक क्षेत्रों का भ्रमण किया। यह भ्रमण पुरातत्व स्पेशलाइजेशन के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम के आधार पर अनिवार्य था। जिसके आधार पर प्रेक्टिकल व प्रोजेक्ट तैयार करेंगे। इस दौरान राखीगढ़ी, कुणाल, भिरडाना और अग्रोहा के पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण किया गया।
पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. अप्पू सहारण ने राखीगढ़ी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा भी विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा पुरास्थल है। जिससे हमें हमारी प्राचीन संस्कृति की विशेष जानकारी मिलती हैं और गौरव महसूस होता है। पुरातात्विक स्थल कुणाल भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के द्वारा उत्खनन के दौरान चांदी के दो मुकुट प्राप्त किए गए थे।
चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय के पुरातात्विक विशेषज्ञ व सहायक प्राध्यापक डॉ प्रवीन कुमार ने बताया कि भिरड़ाना पुरास्थल हरियाणा का हड़प्पा संस्कृति से संबंधित सबसे प्राचीन पुरास्थल हैं। वर्ष 2003 से 2006 के बीच हुए उत्खनन के दौरान यह प्रमाणित हुआ था की इस पुरास्थल से हाकड़ा प्रकार के मृदभांड ( पूर्व हड़प्पा कालीन), प्राक हड़प्पा कालीन, विकसित हड़प्पा कालीन एवं उत्तर हड़प्पा कालीन अवशेष मिलते हैं। जिनमें पत्थरों के मनके, मिट्टी के मनके, खिलौने एवं मिट्टी की चूडय़िां शामिल हैं। पुरातात्विक भ्रमण के दौरान विद्याथिज़्यों को इन सभी पुरास्थलों की विशेष जानकारी दी गई जिसे विद्याथिज़्यों ने गहनता से समझने का प्रयास किया।
इस पुरातात्विक भ्रमण के प्रभारी की भूमिका चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के सहायक प्राध्यापक डा.नीलम रानी और डा.प्रवीन कुमार ने निभाई ।
वहीं दूसरी ओर चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के युवा कल्याण निदेशालय, द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्स्व के उपलक्ष्य मे विश्वविद्यालय के सभागार मे सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाया गया। युवा कल्याण निदेशालय व हरियाणा कला परिषद हिसार मंडल के संयुक्त तत्वाधान में इस सांस्कृतिक कायज़्क्रम का आयोजन किया गया। हरियाणा कला परिषद के हिसार मंडल के अतिरिक्त निदेशक महावीर गुड्डू व उनकी टीम ने हरियाणा की संस्कृति से जुड़े बहुत ही सुन्दर गीत व रागिनी द्वारा दर्शको का मन मोह लिया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार बंसल, शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश गहलावत सहित विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, गैर-शिक्षक कमज़्चारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रही। युवा कल्याण निदेशालय ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया। मंच का संचालन डॉ. चनप्रीत कौर ने किया।
सं.संजय
वार्ता
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