राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Sep 4 2024 5:54PM एसजीपीसी से सरकारी नियंत्रण हटाने के लिये सिख गुरुद्वारा कानून में संशोधन किया जाये: सिख काउंसिलचंडीगढ़, 04 सितंबर (वार्ता) ग्लोबल सिख काउंसिल (जी.एस.सी.) ने गुरुद्वारों के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप समाप्त करने और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) के आम चुनावों में देरी को लेकर कई खामियों का हवाला देते हुये सिख गुरुद्वारा कानून 1925 में तत्काल संशोधन की अपील की है। जी.एस.सी. की अध्यक्ष डॉ कंवलजीत कौर ने बुधवार को यहां जारी एक प्रेस बयान में कहा कि इस कानून का उद्देश्य देश के गुरुद्वारों का प्रबंधन गैर-सिखों के नियंत्रण से हटाकर अभ्यासी सिखों को सौंपने का मूल उद्देश्य सराहनीय था, लेकिन इस कानून में केंद्र सरकार द्वारा कोई भी संशोधन करने से पहले एस.जी.पी.सी. से परामर्श करने के लिये आवश्यक प्रावधानों की कमी है, जिसके कारण केंद्र द्वारा इस कानून में किसी भी संशोधन से पहले एस.जी.पी.सी. से परामर्श करने के लिये वर्तमान कानून को संशोधित किया जाना चाहिये।काउंसिल ने जोर देकर कहा कि 17वीं सदी से सिखों के सर्वोच्च अस्थान श्री अकाल तख्त साहिब को इस समय उक्त कानून की धारा 85(1) द्वारा शिरोमणि कमेटी के नियंत्रण, निगरानी और प्रबंधन के अधीन रखा गया है। इस धारा में आवश्यक सुधारों का सुझाव देते हुए डॉ. कंवलजीत कौर ने मांग की कि श्री अकाल तख्त साहिब को धारा 85(1) से हटाया जाये ताकि इसे गुरुद्वारा कानून के लागू होने से पहले की तरह स्वतंत्रता और स्वायत्तता फिर से प्रदान की जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि श्री अकाल तख्त साहिब के लिये अलग बजट सुनिश्चित करने के लिये नियम बनाये जायें और तख्त सचिवालय को धार्मिक विशेषज्ञों सहित अपने कर्मचारियों को चुनने का अधिकार दिया जाये। इसके अलावा, उन्होंने सबसे योग्य जत्थेदारों की नियुक्ति के लिये एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया बनाने के लिये एक स्वतंत्र समिति के गठन की मांग की है। इसके अलावा, डॉ. कंवलजीत कौर ने तख्त केसगढ़ साहिब, श्री आनंदपुर साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो को भी उक्त धारा से बाहर रखने की मांग करते हुये इन तख्त साहिबानों को भी सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की वकालत की है। जी.एस.सी. ने गुरुद्वारा चुनावों के मुख्य आयुक्त को शक्तियां देने के लिये भी कानून में संशोधन की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान कानून के तहत शिरोमणि कमेटी चुनावों की घोषणा और चुनाव कराने का सारा अधिकार केंद्र सरकार के पास है। काउंसिल ने सुझाव दिया है कि यह अधिकार गुरुद्वारा चुनाव आयुक्त को दिया जाये, जिससे आम चुनाव समय पर कराने के साथ-साथ शिरोमणि कमेटी की खाली हुई सीटों के लिये उपचुनाव भी समयबद्ध ढंग से कराये जा सकें। इसके अलावा, ग्लोबल सिख काउंसिल ने उक्त कानून की धारा 51 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, जिससे एस.जी.पी.सी. के चुनाव वर्तमान बोर्ड के कार्यकाल की समाप्ति से पहले या इसके पूरा होने के छह महीने के भीतर कराना अनिवार्य हो जाये। काउंसिल ने शिरोमणि कमेटी से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के समक्ष आवश्यक प्रस्ताव पेश करके इन सुधारों को लागू करने के लिये निर्णायक कदम उठाने के लिये कहा है। काउंसिल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत प्रदान किये गये अधिकारों के तहत सभी गुरुद्वारे भी उसी तरह सिखों के पूर्ण नियंत्रण और प्रबंधन के अधीन होने चाहिये जैसे कि देश में मस्जिदों और गिरजाघरों को सरकारी हस्तक्षेप के बिना उनके संबंधित धार्मिक समुदायों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। ठाकुर.श्रवण वार्ता