राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Dec 13 2024 8:26PM घग्गर नदी का पानी न पीने योग्य, न सिंचाई के योग्य: कुमारी सैलजाचंडीगढ़, 13 दिसंबर (वार्ता) कांग्रेस महासचिव और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को कहा कि घग्गर नदी का पानी न तो पीने योग्य है और न ही सिंचाई के योग्य है। सुश्री सैलजा ने यहां जारी बयान में कहा कि उन्होंने संसद में जल शक्ति मंत्री से पूछा था कि क्या पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों से गुजरने वाली घग्गर नदी का पानी पीने और सिंचाई के लिये उपयुक्त है और यदि हां, तो इसका ब्यौरा क्या है, क्या उक्त नदी के पानी का परीक्षण किया गया है और यदि हां, तो इसका ब्यौरा क्या है और इसका टीडीएस स्तर क्या है, क्या उक्त नदी प्रदूषित/ दूषित पायी गयी है और इसका पानी पीने और सिंचाई के लिये अनुपयुक्त है, और यदि हां, तो इसका ब्यौरा क्या है और इस मुद्दे को हल करने की क्या योजना है?कुमारी सैलजा के अनुसार इसके जवाब में जल शक्ति मंत्री ने कहा कि नवंबर 2022 में सीपीसीबी द्वारा प्रकाशित अंतिम रिपोर्ट के अनुसार, घग्गर नदी पर दो प्रदूषित खंड, पंजाब और हरियाणा राज्यों में एक-एक खंड की पहचान की गयी है। वर्ष 2023 के लिये घग्गर नदी के जल गुणवत्ता निगरानी परिणामों के आधार पर, सीपीसीबी ने सूचित किया है कि हरियाणा राज्य में कुल घुलित ठोस पदार्थ (टीडीएस) 198-1068 मिलीग्राम प्रति लीटर (एमजी/एल) और पंजाब में 248-2010 मिलीग्राम/ एल की सीमा में देखे गये। साथ ही, घग्गर नदी इस अवधि के दौरान वर्ग ई (सिंचाई, औद्योगिक शीतलन) के लिए नामित सर्वोत्तम उपयोग जल गुणवत्ता मानदंड का अनुपालन करती पायी गयी। सतही जल, जल की गुणवत्ता के आधार पर, इसे पीने के प्रयोजनों के लिये उपयुक्त बनाने के लिये पारंपरिक उपचार और कीटाणुशोधन की आवश्यकता होती है।मंत्री ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों की यह प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिये प्राप्तकर्ता जल निकायों या भूमि में निर्वहन करने से पहले सीवेज और औद्योगिक अपशिष्टों का आवश्यक उपचार सुनिश्चित करें। देश में गैर-गंगा बेसिन में नदियों के संरक्षण के लिये, यह मंत्रालय राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को पूरक बना रहा है। इस योजना के तहत घग्गर नदी के संरक्षण के लिये पंजाब के विभिन्न शहरों में प्रतिदिन 15 मिलियन लीटर (एमएलडी) सीवेज उपचार क्षमता सृजित की गयी। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि घग्गर नदी के जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले शहरों से निकलने वाले गंदे पानी के उपचार के लिये 291.7 एमएलडी की कुल क्षमता वाले 28 एसटीपी स्थापित किये गये हैं तथा 97 एमएलडी क्षमता वाले 15 एसटीपी निर्माणाधीन हैं। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि घग्गर कार्य योजना के तहत राज्य में नदी के जलग्रहण क्षेत्र में 588 एमएलडी की सीवेज उपचार क्षमता सृजित की गई है। उधर 50 से 150 टीडीएस वाले पानी को सबसे अच्छा, 150 से 300 टीडीएस वाले पानी को सामान्य और 301 से 500 टीडीएस वाले पानी को खराब और इससे अधिक वाले को बहुत ही हानिकारक माना गया है। अगर पानी का टीडीएस 150 से 250 तक है तो उसे सिंचाई के लिये अच्छा माना जाता है, ऐसे में साफ है कि घग्घर नदी का पानी सिंचाई के योग्य भी नहीं हैं।इसी के साथ सिरसा सीट के सांसद ने बताया कि सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि फतेहाबाद से हिसार वाया अग्रोहा रेल लाइन परियोजना ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है, क्योंकि खराब यातायात अनुमानों के कारण परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। महेश.श्रवण वार्ता