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अनुसंधान में लापरवाही ,मादक पदार्थ मामले में आराेपी बरी

श्रीगंगानगर, 02 फरवरी(वार्ता) राजस्थान के श्रीगंगानगर में लगभग दो लाख नशीली गोलियों व कफ सिरप की शीशियां बरामद होने के लगभग दस वर्ष पुराने मामले में अदालत ने आज को दोनों अभियुक्तों को अनुसंधान में रही गम्भीर लापरवाही के कारण बरी कर दिया, लेकिन तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और थानाप्रभारी को स्पष्टीकरण देने के लिए 20 दिन के अंदर कोर्ट में आने को कहा है।
अदालत ने अनुसंधान में लापरवाही बरतने के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और थानाप्रभारी पर गम्भीर टिप्पणी की है। श्रीगंगानगर में एनडीपीएस एक्ट मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश विजयसिंह सींवर ने यह निर्णय पांच अगस्त 2009 को लालगढ़ जाटान थाना के तत्कालीन प्रभारी सलावत खां द्वारा नशीली दवाओं की बरामदगी के एक प्रकरण में सुनाया है।
प्रकरण के तथ्यों के अनुसार थानाप्रभारी सलावत खां ने उस दिन गश्त के दौरान बुधरवाली गांव मेें एक व्यक्ति को एक दुकान के बाहर आते हुए काबू किया,जिसके पास गत्ते का एक कार्टून था। इस कार्टून में रेस्कॉफ कफ सिरप की छह शीशियां, मोमोलिट की 900 गोलियां, स्पासमो प्रोक्सीवॉल के 168 कैप्सूल, एल्प्राजोलाम की 450 गोलियां, कोलोडाइज पोक्साइड की 736 गोलियां व कैरोसिमा की 150 गोलियां बरामद कीं। पकड़े गये श्यामसुन्दर निवासी चक मनफूलसिंहवाला के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
सेठी सैनी
वार्ता
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