राज्य » राजस्थानPosted at: Feb 12 2019 5:38PM दीर्घकालीन विकास के लिए उत्पादकता के साथ प्रकृति का संतुलन जरूरी, पाठकजयपुर, 12 फरवरी (वार्ता ) राजस्थान सरकार के उद्योग विभाग के आयुक्त कृष्ण कांत पाठक ने दीर्घकालीन विकास के लिए उत्पादकता और प्रकृति का संतुलन साथ-साथ चलना आवश्यक है। श्री पाठक राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद, राजस्थान राज्य उत्पादकता परिषद तथा राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के संयुक्त तत्वावधान में आज से शुरू किये गये राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह का शुभारम्भ करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और उन्हें आने वाली पीढ़ी के लिए बचाए रखना जरूरी है। यह तभी संभव है जब हम उत्पादों के उपयोग को कम करें, उन्हें दोबारा उपयोग करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह के अन्तर्गत 18 फरवरी तक उत्पादकता और स्थिरता के लिए चक्रीय अर्थव्यवस्था थीम पर राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और व्यवसायों के समन्वय में विशेषज्ञों द्वारा पैनल चर्चा, सेमिनार तथा कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। कार्यक्रम में हरिशचन्द माथुर राज्य लोक प्रशासन संस्थान की अतिरिक्त महानिदेशक शैली किशनानी ने कहा कि विकास को रोका नहीं जा सकता, लेकिन यह प्रयास किया जाना चाहिये कि प्रकृति को इसकी कीमत नहीं चुकानी पड़े। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं और हमें उन्हें बचाना होगा। इस अवसर पर केन्द्र सरकार के एमएसएमई डवलपमेंट इंस्टीट्यूट के निदेशक एम के श्रीवास्तव ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के हितों की सुरक्षा के लिए पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के साथ संतुलन बनाए रखना आज के समय की आवश्यकता है। कार्यक्रम को राजस्थान राज्य उत्पादकता परिषद् के अध्यक्ष के एल जैन ने भी संबोधित किया।रामसिंह वार्ता