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रोडवेज और निजी बसों में भी नहीं लगे अग्निशमन यंत्र

झुंझुनू, 01 जून (वार्ता) सूरत के बहुमंजिले कोचिंग सेंटर में घटी आगजनी की घटना के बाद भले ही राज्य सरकार हरकत में आई हो, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद हालात में ज्यादा सुधार नजर नहीं आ रहा है।
सरल, सुगम एवं सुरक्षित यात्रा करवाने का दावा करने वाली राजस्थान रोडवेज एवं निजी बसों में यात्रा करना भारी पड़ सकता हैं, क्योंकि झुंझुनू जिले में संचालित अधिकतर रोडवेज और निजी बसों में आपात स्थिति में सुरक्षा उपकरण नाम मात्र के हैं। साथ ही आपातकाल द्वार भी नहीं हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
पत्रकारों के दल ने रोडवेज बस स्टैंड पर खड़ी बसों एवं निजी बसों की जांच की तो हकीकत सामने आई। इधर पुलिस एवं परिवहन विभाग भी इन बसों पर केवल कागजी कार्रवाई करके खानापूर्ति करते हैं, जबकि बसों में यात्रियों की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है। झुंझुनू आगार में कुल 94 रोडवेज बसें संचालित है। जिनमें कुछेक बसों को छोड़कर ज्यादातर बसों में आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने वाले अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं। साथ ही बस डिपो सहित बस स्टैंड पर यात्री परिसर से लेकर ऊपर मुख्य आगार प्रबंधक तक के कार्यालय में भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हुए हैं।
उधर जिले में करीब 175 निजी बसें विभिन्न मार्गों पर दौड़ रही हैं। लंबी दूरी की लोक परिवहन बसों सहित निजी बसों में भी सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है। खासकर ग्रामीण इलाकों में चलने वाली बसों में तो अग्निशमन उपकरण ही नहीं लगे हैं।
राजस्थान परिवहन निगम के झुंझुनू आगार के मुख्य आगार प्रबन्धक वासुदेव शर्मा ने बताया कि नई बसों के आने पर ही यह समस्या सुधरेगी। फिर भी जिन बसों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हुए हैं। उनकी जांच करके अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराने को लेकर प्रबधंक मुख्यालय को लेटर भेजा जाएगा। जबकि झुंझुनू के निजी बस यूनियन अध्यक्ष भोपालसिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले बसों में तो अग्निशमन यंत्र ही नहीं लगे हैं। अधिकतर लोक परिवहन बसों में भी नहीं लगे हैं। इसको लेकर सभी बस संचालकों से बात की जाएगी।
सुनील
वार्ता
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