राज्य » राजस्थानPosted at: Jun 12 2019 5:41PM उपग्रह की अवधि पूरी होने से सुरक्षा बल परेशानजैसलमेर, 12 जून (वार्ता) राजस्थान के सीमावर्ती दूरदराज के रेतीले धोरों एवं जम्मूकश्मीर के लेह लद्वाख से लगती अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित अन्य सुरक्षा बलों को इन दिनों संचार समस्या से समस्या से जूझना पड़ रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत एवं साउथ एशिया में संचार सेवाओं के लिये कार्य कर रहा एक ट्रांसपोर्डर एन.एस.एस छह सेटेलाईट की अवधि पूरी होने के बाद उसने कार्य करना बंद कर दिया है। इससे सीमाओं पर और देश के अन्य क्षेत्रों में डिजीटल सैटेलाईट फोन (डीएसपीटी सेट) टर्मिनल और वी सैट पूरी तरह बंद हो गये हैं। इससे सुरक्षा बल कर्मियों को अपने घर बातचीत करने और चौकियोें से मुख्यालय संदेश भेजन में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों ने बताया कि बीएसएनएल के जरिए कार्य करने वाले यह डीएसपीटी फोन के बंद होने से खासकर लेह लद्वाख, सियाचीन और राजस्थान के दुर्गम इलाकों में देश की रक्षा में तैनात विभिन्न सुरक्षा बलों के जवानों, अधिकारियों का अपने घर परिवार से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। वे दैनिक जानकारियां भी मुख्यालय नहीं भेज पा रहे हैं। फिलहाल अब तक किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। सूत्रों ने बताया कि भारत संचार निगम लिमिटेड, (बीएसएनएल) नई दिल्ली मुख्यालय ने पिछले महीने आंध्र प्रदेश, बिहार, आसाम, छतीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर, झारखण्ड, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड, नोर्थ ईस्ट फर्स्ट, नोर्थ ईस्ट सैकिण्ड के बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक को एक ईमेल के जरिए सूचित किया था कि एस.ई.एस डायरेक्टर इंडिया एण्ड साउथ ईस्ट एशिया से मिली जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्डर एन.एस.एस. छह सैटेलाईट 13 मई 2019 से बंद हो गया है। लिहाजा देश में विभिन्न क्षेत्रों में लगे डीएसपीटी फोन की सेवा नहीं मिल सकेगी। इस संबंध में जानकारी देते हुवे जैसलमेर बीएसएनएल के दूरसंचार अधिकारी आर सी व्यास ने बताया कि जैसलमेर में भारत पाक सीमा पर बीएसएफ की विभिन्न सीमा चौकियों पर लगे 146 डीएसपीटी फोन बंद हो गए हैं। गत 13 मई से एन.एस.एस छह सैटेलाईट फोन के बंद होने से पूरे देश में डीएसपीटी की सेवाएं बंद हो गई। इससे इंटरनेट डाटा सेवाएं भी उपभोक्ता को नहीं मिल पायेेगीं। डीएसपीटी सेवाएं बंद होने से निश्चित रूप से सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि किसी प्रकार की बातचीत अब नहीं कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि अभी डीएसपीटी सेवाएं बंद होने के बाद कोई वैकल्पिक व्यवस्था शुरू नहीं हो पायी है, लेकिन जो डीएसपीटी प्रणाली सीमा चौकियों पर स्थापित थी, उसे अभी हटाया नहीं हैं। संभव है कि आने वाले दिनों में किसी और उपग्रह से इसको वापस जोड़ा जा सके। वहीं दूसरी तरफ बीएसएफ के अधकारियों ने बताया कि भारत पाक सीमा पर स्थित सीमा चौकियों पर डीएसपीटी बंद होने से देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे बीएसएफ के जवानों, अधिकारियों को खासी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। सीमा चौकियों पर फिल्हाल वायरलैस सैट के अलावा किसी प्रकार का कोई साधन उपलब्ध नहीं हैं। बीएसएफ के जवानों को बारी बारी से नजदीकी कस्बे में परिवार से बातचीत करने के लिये भेजा जाता है। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा इससे बीएसएफ की दैनिक गतिविधियों के लिये भी संदेश भेजने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। वायरलैस सैट से सभी प्रकार के संदेश भेजना संभव नहीं है। फिलहाल इस संबंध में उच्चधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया है। वहीं एक अन्य सूत्रों के मुताबिक केन्द्र सरकार द्वारा डी.एस.पी.टी की जगह करीब 200 आईएनएमएआर सैट लगाने के आदेश दिए हैं, लेकिन इनकी कॉल रेट 35 रूपए प्रति मिनट है, इस कारण शायद ही इस सुविधा को कोई ले पाए। भाटिया सुनीलवार्ता