राज्य » राजस्थानPosted at: Jul 29 2019 4:23PM सीएसआर की राशि तीन वर्ष तक खर्च न करने पर प्रधानमंत्री राहत कोष में जमाजयपुर, 29 जुलाई (वार्ता) राजस्थान उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने आज विधानसभा में बताया कि कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत कम्पनी तीन साल तक अपने खाते की राशि खर्च नहीं करती है तो वह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा हो जाएगी। श्री मीना ने प्रश्नकाल में विधायकों के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार ने सीएसआर के नियमों में बदलाव किया है। इन नियमों के अनुसार यदि कम्पनी तीन साल तक अपने खाते की राशि खर्च नहीं करती है तो वह राशि तीन साल के बाद प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार का इस पर कोई नियंत्रण या हस्तक्षेप नहीं है। सीएसआर के दायरे में आने वाली कम्पनी का एक खाता होता है। उस खाते में तीन साल तक सीएसआर गतिविधियों के लिए राशि रहती है। इस राशि को खर्च करने के लिए कम्पनियां खुद की समिति का गठन करके स्वयं के आधार पर खर्च करती हैं। इसमें सरकार का मॉनिटरिंग करने का कोई सिस्टम नहीं है, न ही सरकार इनके लिए कोई स्वीकृति जारी करती है। इससे पहले विधायक संदीप शर्मा के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा सीएसआर की राशि व्यय करने के कोई प्रावधान तय नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोटा जिले में 10 सीएसआर इकाइयां संचालित हैं। उन्होंने सीएसआर इकाइयों का विवरण और सीएसआर के तहत किये गये व्यय का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को गत तीन वर्षों में निजी कम्पानियों द्वारा सीएसआर के तहत सही प्रकार से कार्य नहीं करने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जोरावार्ता