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पयर्टन स्थलों का रख-रखाव उपखण्ड अधिकारी की समिति द्वारा-सिंह

जयपुर, 29 जुलाई (वार्ता) राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने आज विधानसभा में आश्वस्त किया कि महाराणा प्रताप से जुड़े ऎतिहासिक स्थलों का रख-रखाव मेवाड़ कॉम्पलेक्स परियोजना के तहत संबंधित उपखण्ड अधिकारी की समिति के माध्यम से कराने के प्रयास किये जायेंगे।
श्री सिंह प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में स्थलों का रख-रखाव स्थानीय समितियों के माध्यम से करने के प्रयास किये गये थे लेकिन वह प्रयास सफल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि महाराणा प्रताप की जयन्ती के अवसर पर आयोजित होने वाले मेलों एवं कार्यक्रमों का आयोजन राज्य सरकार अपने स्तर पर करे, लेकिन ये स्थल राष्ट्रीय स्मारक होने के करण इसके लिए वित्तीय संसाधन केन्द्र सरकार से बजट मिलने पर निर्भर है।
उन्होंने प्रतिपक्ष के सदस्यों से आग्रह किया कि वे केन्द्र सरकार से इस संबंध में वित्तीय संसाधन बढवाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि मेवाड़ कॉम्पलेक्स के तहत आने वाले स्थलों का वित्तीय संसाधन उपलब्ध होने पर निश्चित रूप से विकास कराया जायेगा।
उन्होंने महाराणा प्रताप की जयन्ती के अवसर आयोजित कार्यक्रमों के अवसर पर लिए जाने वाले किराये की छूट के लिए पुरात्तव विभाग को पत्र लिखने का आश्वासन दिया।
इससे पहले विधायक किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप से जुड़े ऎतिहासिक स्थलों के विकास एवं संरक्षण के साथ महाराणा प्रताप के शौर्य एवं पराक्रम से आमजन को अवगत कराने के उद्देश्य से मेवाड़ कॉम्पलेक्स परियोजना पर कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि मेवाड़ कॉम्पलेक्स के तहत हल्दीघाटी, गोगुन्दा, चावण्ड, दिवेर एवं छापली पर विकास एवं संरक्षण कार्य कराये गये। इन कार्यो पर रुपये 1706.45 लाख की राशि व्यय की गई।
जोरा
वार्ता
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