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बीकानेर में जूनागढ़ पैलेस के मन्दिरों से बहुमूल्य प्रतिमाएं और सोने-चांदी के आभूषण चोरी

श्रीगंगानगर, 07 अगस्त (वार्ता) राजस्थान में बीकानेर के सुप्रसिद्ध और स्थापत्य कला के प्रतीक जूनागढ़ पैलेस के दो मन्दिरों से काफी संख्या में बहुमूल्य प्राचीन प्रतिमाओं, सोने-चांदी के आभूषण और पूजन सामग्री की वस्तुएं चोरी होने का मामला सामने आया है।
जूनागढ़ पैलेस के ऑफिसर इंचार्ज रिटायर्ड कर्नल देवनाथसिंह ने कोटगेट थाना में मुकदमा दर्ज करवाते हुए पैलेस में बने एक मन्दिर के पुजारी पर चोरी का शक जताया है। यह पुजारी कई दिनों से नदारद है। पुलिस ने इस पूरे मामले की गहनता से जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।
कोटगेट थाना पुलिस के अनुसार कर्नल देवनाथसिंह ने बताया है कि पैलेस परिसर में हर मन्दिर और 33 करोड़ देवी-देवता मन्दिर से देवी-देवताओं की कई छोटी-बड़ी प्रतिमाएं, प्रतिमाओं पर चढ़ाए हुए सोने-चांदी के आभूषण और पूजन-अनुष्ठान की वस्तुएं गायब हैं। पुलिस के मुताबिक 33 करोड़ देवी-देवता मन्दिर का पुजारी किशनलाल, पिछले दिनों जब मन्दिरों की वस्तुओं का भौतिक सत्यापन किया जा रहा था, तभी से नदारद है। वह बीकानेर का ही निवासी बताया जाता है। उसी पर ही इस चोरी का शक जताया गया है।
पुलिस के अनुसार ऑफिसर इंचार्ज देवनाथसिंंह ने बताया है कि पिछली बार 2003 में इन मन्दिरों का भौतिक सत्यापन किया गया था। करीब दो महीने पहले इस मन्दिर में नया पुजारी रखा गया, तब इस मन्दिर की वस्तुओं का दोबारा भौतिक सत्यापन किया गया। इस दौरान काफी वस्तुएं गायब मिलीं। थानेदार चैनदान के अनुसार करीब दो महीने पहले कर्नल देवनाथसिंह ने इन वस्तुओं के गुम होने की रिपोर्ट थाने में दी थी। उन्होंने जांच-पड़ताल की तो हर मन्दिर मेें कुल 107 वस्तुएं गायब थीं। इनमें देवी-देवताओं की छोटी-बड़ी प्रतिमाएं, सोने-चांदी के आभूषण और पूजन की वस्तुएं शामिल हैं।
एक मन्दिर में इतनी वस्तुएं गायब होने पर पैलेस का प्रबंधन सम्भालने वाले अधिकारियों ने दूसरे मन्दिर की वस्तुओं का सत्यापन करने का निर्णय किया। अब इस मन्दिर के भौतिक सत्यापन में भी बहुत सी वस्तुएं गायब हैं। दर्ज करवाये गये मुकदमे में गायब वस्तुओं का उल्लेख नहीं किया गया है।
पुलिस ने बताया कि मुख्य पुजारी राधाकृष्ण काफी बुजुर्ग हैं। वे बैसाखियों के सहारे चलते-फिरते हैं। पैलेस के निचले हिस्से में रहते हैं। बुजुर्ग होने के कारण वह ऊपर बने दोनों मन्दिरों में जाने-आने के लिए असमर्थ हैं। इन मन्दिरों को सुबह-शाम सिर्फ पूजा-अर्चना के लिए खोला जाता है। पर्यटक इनका बाहर से ही दर्शन करते हैं। वर्ष में खास मौकों पर ही राज परिवार के सदस्य इन मन्दिरों में पूजा-पाठ के लिए आते हैं। बीकानेर की विधायक एवं राजकुमारी सिद्धि सहित राजपरिवार के सदस्य बीकानेर में ही अपने लालगढ़ पैलेस में रहते हैं। पुलिस के अनुसार चोरी हुई देवी-देवताओं की छोटी-बड़ी प्रतिमाएं न केवल प्राचीन हैं, बल्कि उनका पुरातत्त्व लिहाज से भी काफी महत्व है। राज परिवार के लिए यह प्रतिमाएं तो और भी ज्यादा महत्व रखती हैं। इन पर चढ़ाये हुए सोने-चांदी के आभूषण भी प्राचीन हैं और काफी मूल्यवान भी हैं। प्रतिमाओं की कीमत को आंकना भी काफी मुश्किल है। सदियों पुराने इस जूनागढ़ पैलेस का अपना एक वैभव और ऐतिहासिक महत्व है। रोजाना इस पैलेस को सैकड़ों देशी-विदेशी पर्यटक देखने के लिए आते हैंं। इस पैलेस की सार-सम्भाल और सुरक्षा के लिए काफी संख्या में राज परिवार ने कर्मचारी एवं अधिकारी तैनात किये हुए हैं। इनमें कई कर्मचारी-अधिकारी सपिरवार इसी परिसर में रहते हैं। रात-दिन सुरक्षा के लिए अलग-अलग तैनाती रहती है। इसके बावजूद पैलेस में यह चोरी हो गई। पुलिस ने बताया कि पैलेस के अंदर-बाहर अनेक स्थानों पर सीसी कैमरे लगाये हुए हैं, लेकिन दोनों मन्दिरों के अंदर एवं इसके आसपास कैमरे नहीं है। पुलिस का कहना है कि हर मन्दिर के पुजारी निर्भय गोस्वामी का निधन हो जाने और उसके परिवार में किसी के नहीं होने के कारण इस मन्दिर से गायब 107 वस्तुओं के बारे में पता लगा पाना काफी मुश्किल है। हर मन्दिर में नया पुजारी दो महीने पहले रखा गया है। जून 2018 से मई 19 की अवधि में इस मन्दिर से वस्तुएं चोरी होने की सम्भावना से पुलिस इन्कार नहीं कर रही। जांच अधिकारी का कहना है कि दूसरे मन्दिर से अभी तक मोटे तौर पर 60-70 वस्तुएं गायब होने का पता चला है। पैलेस प्रबंधन के अधिकारी इस मन्दिर की वस्तुओं की सूची बनाने में लगे हैं, जिसका 2003 में भौतिक सत्यापन से मिलान कर पता लगा रहे हैं कि कितना कुछ चोरी हुआ है।
सेठी सुनील
वार्ता
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