राज्य » राजस्थानPosted at: Aug 13 2019 9:11PM राम के वंशजों में मेरा परिवार भी शामिल है-खाचरियावासजयपुर, 13 अगस्त (वार्ता) राजस्थान के दो राजघरानों द्वारा खुद के राम का वंशज होने का दावा करने के बाद राजस्थान के परिवहन एवं सैनिक कल्याण मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने दावा किया कि वह और उनका परिवार भी राम का वंशज है। श्री खाचरियावास ने आज यहां जारी बयान में कहा कि हम भगवान राम के बेटे कुश की संतानें हैं। हम सूर्यवंशी राजपूत भगवान राम के वंशज हैं, इसमें दोराय नहीं है। कुशवाह वंश के सूर्यवंशी राजपूत कालान्तर में कच्छवा कहलाये। हमारा परिवार भी भगवान राम का वंशज है। उन्होंने कहा कि राजावत, शेखावत और सभी कच्छवा भगवान राम की संतानें हैं। भगवान राम की संताने पूरी दुनिया में मिलेंगी। श्री खाचरियावास ने सूर्यवंशियों की वंशावली का जिक्र करते हुए कहा कि सूर्यवंशियों में अयोध्या का अंतिम राजा सुमित्र था। सुमित्र के वंशजों ने ग्वालियर बसाया, सूर्यसेन के वंशज नर राजा ने मध्यप्रदेश में नरवर बसाया। देवानिक का पुत्र ईशदेव राजवंश का आदिपुरूष है। इसको ग्वालियर एवं नरवर का भी राजा माना गया है। ईशदेव के पुत्र सोधदेव और सोधदेव के पुत्र दुलेराय का विवाह दौसा के पास गढ़मोरा के राजा की बेटी से हुआ था। वर्ष 1023 में दुलेराय में दौसा के बाद खोनागोरियान के राजा को परास्त किया, इसके बाद माच के राजा नाथू को हराकर जमवा रामगढ़ बसाया। यहां जमवाय माता का मंदिर भी बनवाया। उन्होंने बताया कि दुलेराय के पुत्र काशीदेव ने वर्ष 1036 में आमेर के राजा को परास्त करके आमेर को अपनी राजधानी बनाया। आमेर के राजा के बाद में अलग-अलग संतानें हुई, जो बाद में जाकर कच्छवा वंश के शेखावत, राजावत, नाथावत, खंगारोत आदि कहलाये। इन सभी ने अलग-अलग जगहों पर अपने ठिकाने बसा लिये। जयपुर की बसावट में भगवान राम का पूरा असर नजर आता है। श्री खाचरियावास ने कहा कि भगवान राम के वंशज उनके पुत्र कुश की संतानें हैं और वो पूरी दुनिया में मिलेंगी। यदि सुप्रीम कोर्ट प्रमाण मांगेगा तो इस तरह के प्रमाण उपलब्ध भी करा दिये जायेंगे।सुनीलवार्ता