राज्य » राजस्थानPosted at: Aug 18 2019 6:45PM शहादत के 50 साल बाद मिली शहीद के परिजन को नौकरीझुंझुनू, 18 अगस्त (वार्ता) राजस्थान के झुंझुनू जिले में सेना में शहीद हुये सैनिक के परिजन को शहादत के 50 साल बाद राज्य सरकार में सरकारी नौकरी मिली है। राजस्थान में यह इस तरह का पहला मामला है। झुंझुनू जिले के नौरंग सिंह नागालैंड संघर्ष के दौरान 24 जुलाई 1967 को शहीद हो गये थे। उनके दत्तक पुत्र योगेश कुमार को राज्य सरकार ने कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति दी है। सूत्रों ने आज बताया कि शहीद नौरंग सिंह कम आयु में ही शहीद हो गए थे और उनके कोई भी संतान नहीं थी। ऐसे में शहीद की वीरांगना जानकी देवी ने योगेश कुमार को गोद लिया था और सरकार के नए नियम के अनुसार वह नौकरी के पात्र थे। इसके लिए शहीद की वीरांगना की ओर से आवेदन किया गया था। सेना में शहीद हुये सैनिकों के किसी एक परिजन को सरकार नौकरी देती है। मगर 15 अगस्त 1947 से लेकर 1970 तक की अवधि में सेना के तीनो अंगों में शहीद हुये देशभर में हजारों सैनिकों के परिवार नौकरी के लिये आज भी संघर्ष कर रहे हैं। राजस्थान की पिछली भाजपा सरकार ने तीन अक्टूबर 2018 को एक अधिसूचना जारी करके 15 अगस्त 1947 से लेकर 1970 तक की अवधि में सेना के तीनों अंगों में शहीद हुये राजस्थान के 428 सैनिकों के परिवारों के किसी एक सदस्य को राजस्थान में सरकारी नौकरी देने के आदेश जारी किये गये थे। इसके तहत उपरोक्त अवधि में सेना में शहीद हुये जवानों के खून के रिश्ते के किसी एक सदस्य को नौकरी मिलनी थी, लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने समीक्षा के नाम पर उस आदेश पर रोक लगा दी थी। बाद में शहीदों के परिजनों के विरोध के चलते नियुक्ति देनी शुरू कर दी है।सर्राफ सुनीलवार्ता