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राग मल्हार में सितार और सरोद की मानसून जुगलबंदी

जयपुर, 24 अगस्त (वार्ता) राजस्थान की राजधानी जयपुर में संगीत के मशहूर कलाकार लक्ष्य मोहन और आयुष मोहन ने सितार और सरोद पर बारिश की बूंदों की ताल पर सुरों की रिमझिम पिरोकर शहर को नख-शिख भिगो संगीत प्रेमियों को खुशनुमा अहसास कराया।
विद्यामंदिर क्लासेस की ओर से बिरला सभागार में आयोजित संजोए मानसून जुगलबंदी क्लासिकल म्यूजिक कॉन्सर्ट में इन आला फनकार ने राग मल्हार का लावण्य छलकाया। सुर, लय और ताल में पिरोए खुशनुमा राग-रागनियों ने संगीत के दीवानों को रससिक्त कर दिया। इससे पहले आईआईटी जेईई एवं मेडिकल कोचिंग इंस्टीट्यूट विद्यामंदिर क्लासेस के अकेडमी डायरेक्टर जंम्यजय कुमार और वाइस प्रेसिडेंट बिजनस पंकज भार्गव ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मियां की मल्हार में अपने चिर परिचित अंदाज में किया। वही राग देस मल्हार की प्रस्तुति ने सभागार में मौजूद सभी संगीत प्रेमियों की दाद बटोरी। राजस्थानी संस्कृति का जाने माने गीत केसरिया बालम को राग मिश्र मांड की प्रस्तुति में दिया। विद्यामंदिर की ओर से सितार और सरोद डुएट लाइव कंसर्ट के तहत संजोए क्लासिकल प्रोग्राम में युवा कलाकारो ने सुरों के खूबसूरत लगाव एवं ठहराव के उम्दा प्रदर्शन से अपने रियाज और गुरु के सबक को साकार किया। मानसून जुगलबंदी भारतीय शास्त्रीय संगीत के मानसून रागों के माध्यम से मनाया जाता है। जो विशेष रूप से वर्षा के समय साधा जाता है।
कार्यक्रम में पंडित रामकुमार मिश्रा के तबले और मृदंगम पर एन पद्मनाभन ने प्रभावी उनकी संगत दी। इस मौके पर विद्यामंदिर क्लासेस से जुड़े स्टूडेंट और उनके अभिभावक के साथ संगीत के गुणीजन मौजुद रहे। गौरतलब है कि राग मल्हार को सितार सरोद पर बजाना कठिन समझा जाता है। लगभग दस साल से देश-विदेश में प्रस्तुति दे रहे कलाकारो ने जयपुर में पहली बार अपना कार्यक्रम पेश किया।
रामसिंह
वार्ता
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