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रिकार्ड के अभाव में अधिकारी नहीं कर पाए जांच

सिरोही, 02 सितम्बर (वार्ता) राजस्थान में सिरोही के देवस्थान बोर्ड ने जांच के लिए गठित समिति को कई वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए हैं जिसके चलते समिति सही तरीके से जांच नहीं कर सकी है।
सूत्रों ने आज बताया कि राज्य सरकार के आदेश के बाद जिला कलक्टर ने सात अगस्त को अतिरिक्त जिला कलक्टर की अध्यक्षता में सिरोही देवस्थान बोर्ड के हिसाब-किताब की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की। इसमें तहसीलदार सिरोही को सदस्य सचिव तथा देवस्थान विभाग जोधपुर के सहायक आयुक्त, सिरोही कोषाधिकारी एवं वरिष्ठ विधि अधिकारी को सदस्य बनाया गया। इस समिति को 30 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी।
सूत्रों ने बताया कि समिति की 28 अगस्त को हुई बैठक में सिरोही के देवस्थान बोर्ड ने वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाये। इसके बाद बोर्ड को सात दिन में रिकॉर्ड मुहैया कराने का नोटिस देने का निर्णय किया गया। इन सात दिनों में भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाने की स्थिति में राज्यादेश पर जांच में सहयोग नहीं किया जाना मानते हुए रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंपने का निर्णय किया गया है।
जिला कलक्टर द्वारा समिति को चार बिंदुओं की जांच करने के आदेश दिए गए थे। पहला बिंदु देवस्थान बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यों के रिक्त पदों के संबंध में था। इसके जवाब में देवस्थान बोर्ड ने बताया कि सभी पद भरे हुए हैं। दूसरा बिंदु देवस्थान बोर्ड के बैंक खातों आदि के संबंध में था। इसके प्रत्युत्तर में बताया गया कि दस बचत खाते हैं, लेकिन इन खातों का पूर्ण विवरण, बैंक पासबुक एवं खाता संचालकों की सूचना नहीं दी गई। तीसरा बिंदु देवस्थान बोर्ड ट्रस्ट सिरोही के आय-व्यय की ऑडिट से संबंधित था। इसके प्रत्युत्तर में देवस्थान बोर्ड का कहना था कि संबंधित रिकॉर्ड ऑडिट हो रहा है। इसलिए समस्त रिकार्ड आयकर विवरणी के लिए वहां भेजा हुआ है। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बैठक की रिपोर्ट में लिखा कि देवस्थान बोर्ड के जवाब में यह जिक्र नहीं था कि किस वर्ष का रिकार्ड ऑडिट के लिए भेजा हुआ है और यह कब प्राप्त होगा। इतना ही नहीं ऑडिटर की रिकार्ड प्राप्ति की रसीद की प्रतिलिपि भी नहीं भेजी गई थी। बैठक में 2018-19 का रेकर्ड ऑडिट के लिए जाने की स्थिति में पूर्व के रेकर्ड उपलब्ध नहीं करवाए जाने पर भी चर्चा हुई।
इसी तरह जांच का चौथा बिंदु देवस्थान बोर्ड ट्रस्ट सिरोही की आय से खरीदे गए वाहनों की सूचना मांगी थी। इसके प्रत्युत्तर में बताया गया कि ट्रस्ट के पास महेन्द्रा जीप है जिसका इस्तेमाल ट्रस्ट के कार्यों में किया जाता है, लेकिन वाहनों से संबंधित कोई जानकारी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई।
मामले के अनुसार सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा में सिरोही के मंदिरों का विकास नहीं हो पाने का मुद्दा विधानसभा मे उठाया गया। इसके बाद सिरोही के प्रमुख मंदिरों की देखरेख कर रहे देवस्थान बोर्ड ट्रस्ट सिरोही की जांच का निर्णय किया।
महावीर सुनील
वार्ता
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