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राजस्थान के ज्यादातर क्षेत्रों में पेयजल की स्थिति चिंताजनक-वित्त आयोग

जयपुर, 09 सितम्बर (वार्ता) 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह ने राजस्थान का तीन दिवसीय दौरा करने के बाद आज कहा कि राजस्थान में ज्यादातर क्षेत्रों में पेयजल की स्थिति चिंताजनक है।
श्री सिंह ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि राजस्थान में 13 ब्लाॅक में ही पेयजल स्थिति संतोषजनक है, जबकि अन्य ब्लॉक पेयजल की कमी से ग्रस्त हैं। हालांकि राज्य सरकार इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने जोधपुर जिले की एक पंचायत का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पानी का संरक्षण और पुनर्भरण की व्यवस्था उत्तम पाई गई है। यह पंचायत अन्य पंचायतों के लिये उदाहरण बन सकती है। उन्होंने कहा कि यह विडम्बना है कि राजस्थान में पानी की इतनी कमी नहीं है जितनी पेयजल की कमी है।
श्री सिंह ने मुख्यत: चार बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि पेयजल की स्थिति से निपटने के लिये राजस्थान की परम्परा को पुनजीर्वित करना होगा। राजस्थान में पानी के संरक्षण की परम्परा रही है, जिसके तहत छोटे छोटे टांके बनाये जाते थे। पेयजल की समस्या से निपटने के लिये जल संचयन और पुनर्भरण की नीति पर अमल करना होगा।
उन्होंने ऊर्जा का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान ने ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। फिर भी उद्यमों के विकास के लिये ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि डिस्कॉम को घाटे से उबारने के लिये के राज्य सरकार ने प्रयास किये हैं जिससे कुछ सुधार हुआ है। राजस्थान में तुलनात्मक रूप से अधिक ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। राज्य में सौर ऊर्जा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां एक लाख 20 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित की जा जा सकती इससे पूरे देश की ऊर्जा की जरुरत पूरी हो सकती है।
श्री सिंह ने पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान की स्थिति पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यहां संभावनायें होने के बावजूद पर्याप्त पर्यटक नहीं आते हैं। राजस्थान में कई पर्यटक स्थलों के दिल्ली से सीधा हवाई सम्पर्क पर्याप्त नहीं है। इन क्षेत्राें में हवाई अड्डाें का विकास किया जाना चाहिए। राज्य सरकार को पर्यटन क्षेत्र को महत्वपूर्ण मानते हुए इसे प्राथमिकता से लेना चाहिए।
उन्होंने राज्य में शिक्षा की स्थिति को असंतोषजनक बताते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पूर्व प्राथमिक शिक्षा से सुधार की जरूरत है। श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने एक गैर सरकारी संगठन की रिपोर्ट का अध्ययन किया है उसमें शिक्षा प्रसार की राह में आने वाली कई चुनौतियों का जिक्र करते हुए सुझाव दिये गये थे, उन सुझावों पर अमल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी पुनर्गठित किये जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि इन सस्मयाओं का गहराई से अध्ययन किये जाने की जरूरत है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने विभिन्न आशंकाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि आयोग की योजनाओं में राजस्थान के साथ अन्याय नहीं किया जायेगा। राजस्थान को विशेष पैैकेज दिये जाने के सम्बन्ध में उन्होंने कि कहा कि 29 में से 26 राज्यों ने ऐसी ही मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आयेाग से से मांग की है उन पर सहानूभूति पूर्वक विचार किया जायेगा। किसानों की कर्जमाफी के सवाल पर श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकारें जरुरतों के अनुसार ऐसे निर्णय करती हैं, इससे उनकी स्थिति पर अधिक नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि कई क्षेत्रों में राज्य सरकार बेहतर कार्य कर रही है।
सुनील
वार्ता
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