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गहलोत ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे

जयपुर 16 सितंबर (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज प्रदेश के कोटा, बूंंदी, झालावाड़ और धौलपुर जिले मेें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया।
श्री गहलोत ने हेलीकाप्टर से इन क्षेेत्रों का दौरा कर सर्वे किया तथा हालात की जानकारी ली। सर्वे के बाद श्री गहलोत ने कहा कि हालात पर नजर रखी जा रही है और प्रभावित क्षेत्रों में पूरी मदद पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी कदम उठा रहे हैं ताकि लोगों को राज्य में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि इस हवाई सर्वेक्षण का उद्देश्य स्थिति का आकलन करना था, क्योंकि मध्यप्रदेश से पानी राजस्थान में बह रहा था। सौभाग्य से पानी की कमी शुरू हो गई है और कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि हम स्थिति का आकलन करने के लिए आए हैं ताकि लोगों को यह आश्वासन मिले कि उनकी सरकार उनकी देखभाल कर रही है और उनके साथ खड़ी है। जब से बारिश शुरू हुई है, हम लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं, मंत्री यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राहत कार्य सुनिश्चित हो।
श्री गहलोत ने कहा कि इस बार प्रदेश में सामान्य से चालीस प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी बात हुई है। उन्होंने आशा जताई कि दोनों राज्यों के बीच समन्वय बना रहेगा एवं प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहेगी। दोनों राज्यों में उच्च अधिकारियों के स्तर पर भी बातचीत हो रही है। इस दौरान नगरीय विकास, आवासन एवंं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवंं आपदा प्रबंधन मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल भी मौजूद थे।
उल्लेेखनीय है कि मानसून केे विदाई से पहले राजस्थान में एक बार फिर भारी बरसात एवं इसके बाद बांंधों से पानी छोड़े जाने तथा चम्बल नदी के उफान केे कारण कोटा, झालावाड़, धौलपुर एवं करौली जिले में हालात खराब हैं तथा सेना, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ केे दल राहत एवं बचाव कार्य कर रहेे है।
उधर पानी की आवक अधिक होने से कोटा जिले के कोटा बैराज बांध के 19 गेट खोलकर छह लाख 92 हजार 519 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसी तरह चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राणा प्रताप सागर बांध के सत्रह गेट खोलकर छह लाख 60 हजार 350 क्यूसेक, कोटा के जवाहर सागर बांध से ग्यारह गेटों के जरिए छह लाख 83 हजार 180, बांसवाड़ा के माही बजाज सागर बांध से आठ गेट खोलकर 24046़ 61 , टोंक के बिसलपुर बांध के छह गेटों के जरिए 36060 , डूंगरपुर जिले के सोम कमला अम्बा बांध से दो गेटों के जरिए 4781़ 78, प्रतापगढ़ के जाखम डेम से 11750़ 71 तथा झालावाड़ जिले में स्थित कालीसिंध बांध के तीन गेट खोलकर 44938 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसी तरह राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले मध्यप्रदेश के गांधी सागर बांध से भी 19 गेट खोलकर छह लाख 49 हजार 104 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
चंबल नदी के उफान से इसके पास की कई बस्तियां जलमग्न हैं और करौली में मंडरायल-करणपुर क्षेत्र में करीब एक दर्जन गांव पानी में घिरे हैं। कई गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। धौलपुर में चंबल के पुल डूब गया है जिससे आवागमन बंद हो गया है। राजाखेड़ा क्षेत्र की बसई घियाराम ग्राम पंचायत के कई गांवों के चार दर्जन से अधिक मकानों को खाली कराया गया है।
जोरा
वार्ता
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