Friday, Apr 19 2024 | Time 15:44 Hrs(IST)
image
राज्य » राजस्थान


उपचुनाव मिर्धा परिवार के लिए राजनीतिक साख कायम करने का मौका

नागौर 06 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान के नागौर जिले में सांसद हनुमान बेनीवाल के गढ़ खींवसर विधानसभा क्षेत्र के आगामी इक्कीस अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस के पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा को मैदान में उतारने से जहां चुनावी मुकाबला रोचक होने की संभावना है वहीं राजनीतिक प्रभुत्व को बचाने के लिए संघर्ष को मजबूर मिर्धा परिवार के लिए यह चुनाव फिर से अपनी साख कायम करने का एक मौका भी है।
कांग्रेस ने श्री बेनीवाल के भाई एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के उम्मीदवार नारायण बेनीवाल के सामने पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा के पुत्र श्री हरेन्द्र मिर्धा को चुनाव मैदान में उतारने से चुनावी मुकाबला रोचक बनने की संभावना है तथा इस चुनाव में श्री मिर्धा को कांग्रेस प्रत्याशी बनाने से मिर्धा परिवार को अपना राजनीतिक प्रभुत्व कायम करने का मौका होगा।
जिले की मूंडवा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1980 में पहली बार विधायक बनने वाले श्री हरेन्द्र मिर्धा ने इस चुनाव में श्री हनुमान बेनीवाल के पिता रामदेव चौधरी को चुनाव में हराया था। श्री मिर्धा ने कांग्रेस (आई) तथा श्री चौधरी ने कांग्रेस यू के प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था। इसके बाद श्री हरेन्द्र मिर्धा वर्ष 1993 में नागौर से भाजपा के बंशीलाल सारस्वत को हराया और इसके अगले चुनाव में वर्ष 1998 में गजेन्द्र सिंह को हराकर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे। वह राज्य सरकार में मंत्री भी बनाए गए।
वह वर्ष 2008 में कांग्रेस एवं 2013 में निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा के हबीबुर्रहमान से चुनाव हार गये। हालांकि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पांच बार विधायक बने हबीबुर्रहमान को टिकट नहीं देने पर वह फिर कांग्रेस में आ गये और इस बार चुनाव में वह श्री मिर्धा के साथ है। इसके अलावा राज्य में कांग्रेस की सरकार होने का फायदा भी उन्हें मिल सकता है।
आजादी से पहले मारवाड़ का नेतृत्व करने वाले मिर्धा परिवार आजादी के बाद नागौर जिले में कई दशक तक अपना राजनीतिक दबदबा रखा लेकिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा एवं रामनिवास मिर्धा के बाद इस परिवार में ऐसा जुझारु नेता उभरकर सामने नहीं आने से अब उनका राजनीतिक प्रभुत्व समाप्त होने लगा है। हालांकि गत विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक एवं नाथूराम मिर्धा के भतीजे रिछपाल मिर्धा के पुत्र विजयपाल मिर्धा डेगाना से कांग्रेस विधायक चुने गये। कांग्रेस ने गत विधानसभा चुनाव में श्री विजय पाल के अलावा श्री हरेन्द्र मिर्धा सहित मिर्धा परिवार के अन्य किसी सदस्य को तरजीह नहीं मिली। इसके बाद नाथूराम मिर्धा की पोती एवं पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा भी वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इसके अगले दोनों लोकसभा चुनाव हार गई।
मिर्धा परिवार के वर्ष 2008 के चुनाव में डेगाना से रिछपाल मिर्धा के चुनाव हार जाने तथा पूर्व सांसद राम रघुनाथ का परिवार के नागौर की राजनीति में वर्चस्व बढ़ने के बाद पार्टी में मिर्धा परिवार को तरजीह मिलना कम हो गया और वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में हरेन्द्र मिर्धा को पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इस पर हरेन्द्र मिर्धा बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित भी किया और बाद में वापस पार्टी में शामिल भी कर लिया गया लेकिन इसके बाद पार्टी में उन्हें कोई खास तरजीह नहीं मिली।
डेगाना में अपना राजनीतिक दबदबा रखने वाले रिछपाल मिर्धा को वर्ष 2008 एवं 2013 के विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद गत विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें तरजीह नहीं दी, लेकिन वह अपने पुत्र को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। अब कांग्रेस ने खींवसर उपचुनाव में श्री हरेन्द्र मिर्धा पर दांव खेला है।
वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई खींवसर विधानसभा सीट पर वर्ष 2008 से हनुमान बेनीवाल का कब्जा रहा है और गत लोकसभा चुनाव में नागौर से उनके सांसद चुने जाने के बाद यह उपचुनाव हो रहा है। श्री हनुमान बेनीवाल ने भाजपा उम्मीदवार के रुप में पहली बार विधानसभा चुनाव जीता, इसके बाद वह निर्दलीय और गत विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी पार्टी रालोपा खड़ी करके चुना लड़ा और तीसरी बार विधायक चुने गये। अब उपचुनाव में अपने छोटे भाई नारायण बेनीवाल को चुनाव मैदान में उतारकर क्षेत्र में अपना राजनीतिक दबदबा कायम रखना चाहते है।
खींवसर उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार ने अभी जोर नहीं पकड़ा है। चुनाव में केवल तीन उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जहां कांग्रेस और रालोपा उम्मीदवार में सीधा मुकाबला माना जा रहा है। उपचुनाव में तीसरा उम्मीदवार निर्दलीय प्रत्याशी अंकुर शर्मा चुनाव मैदान में है। खींवसर में वर्ष 2008 एवं 2013 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार दुर्ग सिंह ने अच्छा प्रदर्शन किया और वह इन दोनों चुनावों में दूसरे नम्बर रहे। लेकिन उपचुनाव में बसपा ने अपना कोई उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारा है।
जोरा रामसिंह
वार्ता
More News
राजस्थान में प्रथम चरण में दो केंद्रीय मंत्रियों सहित 114 प्रत्याशी आजमा रहे हैं चुनावी भाग्य

राजस्थान में प्रथम चरण में दो केंद्रीय मंत्रियों सहित 114 प्रत्याशी आजमा रहे हैं चुनावी भाग्य

18 Apr 2024 | 11:44 PM

जयपुर 18 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को हो रहे चुनाव में दो केंद्रीय मंत्री, दो सांसद, तीन पूर्व सांसद, राज्य के आधा दर्जन पूर्व मंत्री और तीन पूर्व विधायक सहित 114 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं।

see more..
image