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तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन शुरू

जैसलमेर 12 अक्टूबर (वार्ता) ज्योतिष एवं खगोलीय पंचांग गणना में विशेष योगदान देने वाले महर्षि चंडू की जन्मभूमि जैसलमेर में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन आज से शुरू हुआ।
सम्मेलन के संयोजक पंडित एस के जोशी ने बताया कि जोधुपर की निजी संस्था द्वारा आयोजित इस ज्योतिष सम्मेलन में भाग लेने के लिये देश के विभिन्न हिस्सों के साथ साथ विदेशों से भी कई ज्योतिषाचार्य जैसलमेर पहुंचे हैं। ज्योतिष विज्ञान को लेकर विभिन्न धारणाओं और विभिन्न पद्धतियों को लेकर इस सेमिनार में विचारों का आदान प्रदान होगा और मंथन के साथ ज्योतिष को लेकर आमजन में फेल रही भ्रांतियों को दूर करते हुए आमजन को इसकी जानकारी दी जायेगी।
ज्योतिषाचार्य डा. मोनिका कलर का कहना है कि चण्डू जी के पंचाग से लेकर उनकी गणनाओं और उनकी पद्धति ज्योतिष विज्ञान के क्षेत्र में सर्वमान्य है। ऐसे में उस पर चर्चा के साथ साथ और अधिक शोध कर दुनियाभर के लोगों के बीच उस जानकारी को ले जाने को लेकर भी चर्चा इस सैमीनार में की जायेगी।
आयोजकों का कहना है कि जैसलमेर में हो रहे इस आयोजन के दौरान यहां के स्थानीय लोगों को भी दुनिया भर के ज्योतिष विज्ञानियों से निशुल्क सलाह भी दी जायेगी, जिसमें हस्तरेखा, अंकगणित, टैरो, वास्तुशास्त्र सहित विभिन्न विषयों पर जिज्ञासा रखने वाले लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा।
गौरतलब है कि 527 वर्ष पहले महर्षि चंडू का जन्म जैसलमेर के पुष्करणा ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका पंचांग चंडू पंचांग जोधपुर राजपरिवार का अधिकृत पंचांग है। राज परिवार की ओर से पदम सागर किले की तलहटी में खगोलीय गणना की जाती है। आज भी महर्षि चंडू के नाम से चंडू पंचांग का प्रकाशन होता है।
भाटिया रामसिंह
वार्ता
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