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सांस्कृतिक समृद्धि और संस्कार की भाषा है राजस्थानी- भाटी

बीकानेर 12 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने राजस्थानी भाषा को सांस्कृतिक समृद्धि और संस्कार की पर्याय बताते हुए कहा है कि राज्य सरकार केन्द्र सरकार से इसे संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल करने हेतु प्रयासरत है।
श्री भाटी ने शनिवार को बीकानेर में रोटरी क्लब के दो दिवसीय राज्य स्तरीय राजस्थानी समारोह का शुभारंभ करने के अवसर पर कहा कि राजस्थानी भाषा हमारे व्यक्तित्व के तमाम संस्कार और रागात्मकता को अभिव्यक्त कर सामाजिक सरोकारों और सांस्कृतिक वैभव को परिभाषित करती है। उन्होंने कहा कि मात्र भाषा में हमारी संपूर्ण चेतना विचार का एक अलग और व्यापक फलक तैयार करती है जो कालांतर में समग्र सामाजिक विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।
राजस्थानी की मान्यता के संदर्भ में राज्य सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थानी के विकास हेतु नए पदों के सृजन और हिन्दी ग्रंथ अकादमी के प्रकाशनों में राजस्थानी की तमाम संभावनाओं पर विचार हेतु प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कवि-कथाकार मालचंद तिवाड़ी ने कहा कि इस तरह के नई पीढी के राजस्थानी जुड़ाव से ही भाषा पूर्णत: भाषा और लोक जुड़ाव को अंगीकार करेगी। लोक मान्यता और जुड़ाव के कारण ही आज यह भाषा मान्यता प्राप्त भाषाओं के सामने अपनी साहित्यिक समृद्धता और सांस्कृतिक वैभव के साथ संवाद की स्थिति में है।
संजय रामसिंह
वार्ता
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