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बुनकर प्रशिक्षक नेशनल मेरिट एवार्ड 2017 से सम्मानित

बाड़मेर, 15 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान में बाड़मेर जिले की हस्तशिल्प कला को नई पहचान देने और परंपरागत पट्टू निर्माण संरक्षण के लिए भारत सरकार ने सरहदी क्षेत्र के बुनकर मोडाराम मेघवाल को 2017 का राष्ट्रीय मेरिट अवार्ड देने की घोषणा की है।
भारत सरकार की ओर से भेजा गया इस आशय का पत्र मोड़ाराम को आज ही प्राप्त हुआ है। इससे पहले वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने मोडाराम के पुत्र गोविंद मेघवाल को सम्मानित किया था।
यह परिवार पारंपरिक बुनाई कला को नई पहचान दिला रहा है। ये गत 45 वर्षों से स्थानीय हस्तशिल्प कला को न केवल प्रोत्साहित कर रहे बल्कि उनके संरक्षण में भी मोडाराम का परिवार जुटा है। इन्होंने करीब 150 से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण देकर इस कला में निपुण बनाया है। अकेले मोडाराम ही नही बल्कि इनका पूरा परिवार पारंपरिक रूप से हस्तशिल्प कला के इस काम मे जुटे है।
मोडाराम के पुत्र गोविंद मेघवाल को पट्टू निर्माण में 2017 में राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। मोडाराम और गोविंद बुनाई का कार्य करते है तो मोडाराम की पत्नी श्रीमती कमला मेघवाल कताई के कार्य मे इनकी मदद करती है। मोडाराम मास्टर ट्रेनर के रूप में विख्यात हैं। उनके द्वारा कुशलता के साथ पट्टू निर्माण के साथ साथ साड़ी, दुप्पटा,कोट,आदि का निर्माण भी किया जाता है।
मोडाराम ने आज बताया कि हस्तशिल्प का बिक्री केंद्र नहीं होने के कारण तैयार उत्पाद का सही मोल उन्हें नहीं मिलता। पिछले वर्ष हाथ करघा समिति के माध्यम से क्लस्टर योजना में डब्लू वी एस जयपुर में आवेदन किया था, लेकिन जो बुनकर नहीं थे वे अपनी पहुंच के चलते क्लस्टर स्वीकृत करा के ले आये। जो मशीनें क्लस्टर में खरीदी वो भी बेच चुके हैं, जबकि हम पारंपरिक रूप से इस कला के संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन हमें न तो मशीन दी गई न ही क्लस्टर स्वीकृत हुए। मोडाराम के परिवार में पति पत्नी सहित तीन पुत्र और तीन पुत्रियां इस पारंपरिक कार्य मे उनका हाथ बंटाते है। उनकी हस्तशिल्प कला का कोई सानी नही। मोडाराम को नेशनल मेरिट अवार्ड 2017 के लिए भारत सरकार ने चयनित करके थार का गौरव बढ़ाया है।
भाटी सुनील
वार्ता
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