राज्य » राजस्थानPosted at: Nov 29 2019 6:24PM पूर्व सभापति सहित पांच को कांग्रेस से निष्कासित करने की मांगभीलवाड़ा, 29 नवम्बर (वार्ता) राजस्थान में भीलवाड़ा के कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष और पूर्व सभापति ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करके अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस के दो पार्षदों, पूर्व सभापति और दो कार्यकर्ताओ को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल डांगी तथा अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाई गयीं पूर्व नगर परिषद सभापति ललिता समदानी ने पार्टी के प्रदेश सचिव आर सी चौधरी को लिखे पत्र में सम्पूर्ण घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्षद अनीता कँवर, उनके पति जीतेन्द्र राजावत, श्रीमती मीनू विश्नोई, जगदीश विश्नोई के साथ ही पूर्व सभापति ओम नराणीवाल को बगावत करने के चलते तुरंत पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। श्री डांगी ने कहा कि पूर्व सभापति ओम नराणीवाल को अविश्वास प्रस्ताव गिराने के लिए दो महिला पार्षदों का जिम्मा सौंपा गया था और दोनों उनके संरक्षण में थीं, लेकिन उन्होंने गुपचुप रूप से बिना किसी को जानकारी दिए भाजपा से समझौता कर लिया और पार्टी व्हिप का उल्लंघन करके दोनों का मत भाजपा के पक्ष में डलवा दिया, जिससे कांग्रेस की नगर परिषद् चेयरमेन ललिता समदानी के खिलाफ एक मत से अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया और पार्टी को हार का मुँह देखना पड़ा। उधर सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक और सचिव आर सी चौधरी तथा कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामपाल शर्मा अपनी ही सभापति को बचाने के लिए रणनीति बनाकर बैठे थे और उनके पास चौदह पार्षद भी थे, लेकिन निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले ओम प्रकाश नराणीवाल ने वहां मौजूद अपनी समर्थक दोनों महिला पार्षदों को अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मत डलवा दिया, जिससे पार्टी की हार हो गयी। श्री नराणीवाल को नवम्बर 2018 में पार्टी से निष्कासित किया गया था और उन्हें मई 2019 में हुये लोकसभा चुनाव में पुनः पार्टी में शामिल किया गया था | सर्राफ सुनीलवार्ता