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खेतों में जियो टैगिंग से रुकेगा फर्जीवाड़ा

झुंझुनूं, 02 दिसम्बर (वार्ता) कृषि विभाग की ओर से चल रही अनुदान की योजनाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अब जियो टैगिंग कराने का निर्णय लिया है।
इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत आयोजित किए जाने वाले फसल प्रदर्शन की जियो टैगिंग कराने के निर्देश दिए गये हैं।
कृषि विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत किसानों को अनुदानित दर पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले बीजों के मिनी किट पर जियो टैगिंग कराई जाए। यह काम मोबाइल ऐप के जरिए होगा। रबी के सीजन में जिन किसानों द्धारा अनुदान पर मिनीकिट एवं फसल का प्रदर्शन किया गया है उनकी जियो टैगिंग की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुदानित योजनाओं के लाभ पात्र किसानों को नहीं मिल पा रहा है। वही अनुदानित योजनाओं का लाभ उठाने के मामले में कई घोटाले भी सामने आए थे। जिसके बाद विभाग ने पात्र किसानों को योजना का लाभ देने के लिए पहली बार यह योजना शुरू की है।
जिन किसानों ने राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन के तहत फसल प्रदर्शन एवं मिनीकिट लिया है उनके खेतों पर टैगिंग होगी। इसमें बीज की बुवाई के लाइव फोटो अपलोड करने होंगे। टैगिंग होने के बाद दिल्ली में बैठे अधिकारी अनुदानित योजनाओं की हकीकत जान सकेंगे तथा उन्हें फील्ड में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जियो टैगिंग करने के लिए कृषि अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को इस योजना के लिए जयपुर में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
कृषि विभाग झुंझुनूं के कृषि पर्यवेक्षक पंकज कुमार ने बताया कि जिले के करीब सात हजार किसानों के खेतों की जियो टैगिंग की जाएगी। इस सीजन में दो हजार चने, अड़तीस सौ सरसों के मिनीकिट एवं करीब एक हजार हैक्टेयर में फसल प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि यहां के फोटो विभाग की वेबसाइट पर डाले जाएंगे।
सराफ जोरा
वार्ता
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