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गत वर्ष महिला अत्याचार के मामलों में 66 प्रतशित की वृद्धि

जयपुर 08 जनवरी (वार्ता) राजस्थान में गत वर्ष आईपीसी अपराधों में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि महिला अत्याचार के मामलों में 66 प्रतिशत की बढोत्तरी आई।
पुलिस की वार्षिक अपराध रिपोर्ट के अनुसार आईपीसी के तहत वर्ष 2019 में 33180 मुकदमें दर्ज हुए जबकि वर्ष 2018 में 22754 मुकदमें दर्ज हुए। इससे आईपीसी अपराधों मे 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई। महिला अत्याचार के वर्ष 2018 में 2099 मुकदमें दर्ज हुए जबकि वर्ष 2019 में 3474 मुकदमें दर्ज हुए। इस तरह 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
राज्य में गत वर्ष हत्या के 93 मामले सामने आये जबकि 2018 में 96 प्रकरण सामने आये थे। इसी तरह बलात्कार के गत वर्ष 517 मामले दर्ज हुए जबकि 2018 में 300 मामले सामने आये थे। गत वर्ष डकैती के सात जबकि 2018 में एक मामला तथा अपहरण के गत वर्ष 829 मामले तथा वर्ष 2018 में 537 प्रकरण सामने आये।
इसी तरह अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत वर्ष 2018 में 255 प्रकरण पंजीबद्ध हुए जबकि गत वर्ष में 511 प्रकरण पंजीबद्ध हुए। दिसम्बर 2019 के अंत में 14 प्रतिशत मुकदमें लंबित रहे जबकि आ बकारी एक्ट के तहत वर्ष 2018 की अपेक्षा वर्ष 2019 में सात प्रतिशत कार्यवाहियां अधिक की गई। वर्ष 2019 में आबकारी एक्ट में 1797 प्रकरण दर्ज कर 1807 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
एनडीपीएस एक्ट के तहत वर्ष 2018 में केवल 45 अभियोग दर्ज हुए थे जबकि वर्ष 2019 में 239 प्रकरण दर्ज कर 285 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इस तरह कुल 431 प्रतिशतत की वृद्धि हुई। वर्ष 2019 में 149 अवैध हथियार, 449 कारतूस एवं 2 मैगजीन जब्त की जाकर 274 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। गत वर्ष 75 ईनामी एवं 153 टॉप दस अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह गुण्डा एक्ट के तहत वर्ष 2019 में 153 अपराधियों को जिला बदर भी किया गया तथा 23 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई। वर्ष 2019 में परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न कारणों से 6797 चालकों के लाइसेन्स भी निलम्बित किये गए।
जोरा
वार्ता
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