राज्य » राजस्थानPosted at: Jul 3 2020 7:46PM बाल श्रम के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जाय-पवनजयपुर 03 जुलाई (वार्ता) राजस्थान के श्रम एवं नियोजन विभाग के शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन ने कहा कि विभागीय अधिकारी संबंधित अन्य विभागों से समन्वय कर बाल श्रम के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करें और बाल श्रमिकों का नियोजन एवं पलायन को रोकें। श्री पवन ने आज शासन सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम बाल श्रमिकों की रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय बाल श्रमिक परियोजना मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में बाल श्रम जैसी कुप्रथा को सम्पूर्ण समाप्त करने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण गत 2-3 माह में लगभग सभी उद्योग बंद रहे हैं। अब उद्योगों के प्रारंभ होने की शुरूआत हुई है। इसके साथ ही सभी श्रमिक अपने-अपने निवास स्थान से पुनः अपने नियोजन स्थल की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। यह श्रमिकों एवं उद्योगों के लिए एक नई शुरूआत है। उन्होंने कहा कि यहां हमें यह ध्यान रखना है कि इस दौर में श्रमिकों के काम पर लौटने के साथ-साथ कहीं बाल श्रमिक भी किसी कार्य में नियोजन के लिए प्रस्थान ना कर लें। इसलिए श्रम विभाग के निरीक्षक एवं अधिकारी अन्य सभी संबंधित विभागों पुलिस, चाइल्ड लाईन, जिला प्रशासन, बाल कल्याण समितियां आदि के समन्वय एवं सहयोग से बाल श्रमिकों का नियोजन एवं पलायन रोकें। श्री पवन ने जिलों में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की बैठक शीघ्र आयोजित करने के निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान में कार्यरत बाल श्रमिक को मुक्त कराने पर बाल श्रमिकों के नियोजकों से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार 20 हजार रुपए की वसूली कर इस राशि से बालक का पुर्नवास करें। रामसिंहवार्ता