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अब जैसलमेर सियासत का केंद्र बना

जैसलमेर, 31 जुलाई (वार्ता) राजस्थान सियासी घमासान के बीच राज्य सरकार समर्थक सभी विधायक आज जैसलमेर पहुंच गये इसके साथ ही राजस्थान का यह सीमावर्ती रेगिस्तानी जिला राजस्थान की सियासत का केंद्र बनने जा रहा है।
राज्य में पिछले कुछ दिन से चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच जयपुर के होटल से सभी विधायकों को जैसलमेर के पांच सितारा होटल सूर्यगढ़ लाया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य सरकार के मंत्री जैसलमेर के नागरिक हवाई अड्डे पर पहुंचे। अपरान्ह करीब तीन बजे पहले बेच में तीन निजी विमानों से कांग्रेस के 53 विधायक शुक्रवार को जैसलमेर पहुंचे। बाद में चौथे विमान से साँय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे समेत बाकी के विधायक भी यहाँ पहुंच गये। जैसलमेर विधायक रूपाराम सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एयरपोर्ट पर स्वागत किया।
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 14 अगस्त से प्रस्तावित विधानसभा सत्र से पूर्व अपने समर्थक विधायकों की बाड़ेबंदी अब जयपुर के बजाय जैसलमेर में करने का फैसला किया है। जैसलमेर में इन सभी विधायकों को शुक्रवार को लाकर पांच सितारा होटल सूर्यगढ़ में ठहराया गया। इस होटल को सुरक्षा की दृष्टि से बेहतरीन माना जाता है। इसमें बाहरी व्यक्ति के लिए प्रवेश करना बेहद मुश्किल है।
विधायकों के जैसलमेर पहुंचने से पूर्व जिला कलेक्टर आशीष मोदी एवं पुलिस अधीक्षक डॉ. अजयसिंह ने सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। विधायकों के आगमन को ध्यान में रखकर जैसलमेर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। होटल एवं एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जैसलमेर एयर पोर्ट पर पहली विशेष फ्लाइट से पहुंचे सभी विधायकों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच होटल सूर्यगढ़ ले जाया गया। विधायकों को एयरपोर्ट से निकाल सीधे बसों में बैठा दिया गया। यहां तक कि मीडिया को भी उनके पास नहीं फटकने दिया गया।
अब 13 अगस्त तक कांग्रेसी विधायकों की बाड़ेबंदी जैसलमेर के सूर्यगढ़ होटल में की गई है, खासकर होटल में 90 कमरे बुक किये गए हैं। होटल में विधायकों के साथ मुख्यमंत्री एवं उनके केबिनेट मन्त्री भी आये हैं। देर साँय गहलोत समर्थक विधायक, मंत्री एवं मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस के केंद्रीय नेता विशेष पांच चार्टर विमानों से जैसलमेर की धरती पर उतरे। बताया जाता है कि पाली, उदयपुर एवं जैसलमेर तीन जिलों के नाम थे, लेकिन मुख्यमंत्री का जैसलमेर से विशेष लगाव होने के साथ-साथ अन्य जिलों की तुलना में सुरक्षित होने के चलते देर रात जैसलमेर का नाम फाइनल किया गया।
राज्यपाल द्वारा 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति देने के बाद यह तय हो गया था कि 13 अगस्त तक तो विधायकों को बाड़ेबंदी में ही रखा जाएगा। पिछले 15-20 दिनों से सरकार बचाने के चल रहे खेल में गहलोत समर्थक विधायक जयपुर के होटल में बतौर बाड़ेबंदी में रह रहे थे, लेकिन अब जब विधानसभा सत्र में सरकार के भाग्य का फैसला होना है, लिहाजा विधायकों को गहलोत खेमे से तोड़ने के लिए इन 14 दिनों में कुछ भी होने की आशंकाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता, ऐसे में विधायकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जैसलमेर का चयन किया गया है।
जैसलमेर कम आबादी वाला क्षेत्र है ऐसे में बाहर से आने वाले संदिग्ध राजनेताओं की आवाजाही पर नजर रखना आसान कार्य होगा, वही जैसलमेर से अन्य जिले 150 से 300 किलोमीटर दूर होने के साथ ही अन्य किसी भी प्रदेश की सीमा जैसलमेर से नहीं लगती, ऐसे में विधायकों को अन्य जिलों की तुलना में जैसलमेर में ज्यादा सुरक्षित रखा जा सकता है। विधायकों की 14 दिन की बाड़ेबंदी के लिए तीन होटल मैरियट, फोर्ट रजवाड़ा एवं सूर्यागढ़ के नाम प्रस्तावित किए गए थे। जिनमें सूर्यगढ़ एवं मेरियट को फाइनल किया गया है।
होटल सूर्यागढ़ शहर से 15 किलोमीटर दूर है। इसकी बनावट अभेद्य किले एवं महल के समान है तथा सुरक्षा के रूप में देखा जाए तो सबसे सुरक्षित भी मानी जाती है। सूर्यागढ़ होटल एक हाई प्रोफाइल होटल माना जाता है। कई महान हस्तियां इस होटल की मेहमान रह चुकी हैं। कई विदेशी और भारतीय इस होटल में शादी कर चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका और उनके पति ने इस होटल में एक हाई प्रोफाइल शादी में हिस्सा लिया था।
उधर सात मंत्री एवं कुछ विधायक फिलहाल जैसलमेर नहीं गये हैं जिनमें मंत्री प्रताप सिंह, रघु शर्मा, अशोक चांदना, लालचन्द कटारिया, सुभाष गर्ग, लालचन्द कटारिया, उदयलाल आंजना हैं जबकि विधायक जगदीश जांगिड़, अमित चाचाण, परसराम मोरदिया, बाबू लाल बैरवा, बलवान पूनिया हैं ये लोग कल जैसलमेर के लिये रवाना हो सकते हैं।
भाटिया सुनील
वार्ता
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