राज्य » राजस्थानPosted at: Aug 10 2020 2:55PM राजस्थान में तीस हजार से ज्यादा हो रही हैं प्रतिदिन जांचे-शर्माजयपुर, 10 अगस्त (वार्ता) राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने आज कहा कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोरोना की जांच संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है और प्रदेश में प्रतिदिन 30 हजार से अधिक कोरोना जांचें की जा रही हैं। डा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना मरीजों के ठीक होने के रेशो को बेहतर बनाने और मृत्युदर को निंरतर कम करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्युदर शून्य पर आ सके। इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सुकून देने वाली बात यह रही कि जुलाई-अगस्त में प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्युदर घटकर एक प्रतिशत तक आ गई। वर्तमान में कोरोना से होने वाली मृत्युदर 1.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी और जीवनरक्षक इंजेक्शन के जरिए इसे और भी कम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए सजग और सतर्क है। राजधानी के निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से हो सके इसके लिए अस्पतालों के प्रबंधकों की मुख्य सचिव के साथ बैठक प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि आरयूएचएस अस्पताल में कोरोना के मरीजों की सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार के लिए 1300 नए वेंटीलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। हालांकि प्रदेश सरकार के पास वेंटीलेटर्स की कोई कमी नहीं थी लेकिन बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या के चलते यह उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा से जुड़े लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं और किसी निजी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो उसका पूरा पुनर्भरण सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वंदे भारत के तहत आने वाले करीब 26 हजार से ज्यादा बाहरी लोग राज्य में आए हैं। इनमें से 19 हजार लोगों को सरकार क्वारंटीन में रखा है। डॉ. शर्मा ने कहा कि एंटीजन टेस्ट का फेल होना चिंताजनक बात है। पूरे देश में व्यापक स्तर पर एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं। सरकार ने आईसीएमआर को एंटीजन टेस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि राज्य में एंटीजन टेस्ट की शुद्धता केवल 48 प्रतिशत आई है। ऐसे में इस टेस्ट पर आईसीएमआर को पुनर्विचार करना चाहिए। डा शर्मा ने बताया कि गंभीर कोरोना पीड़ितों के लिए प्लाज्मा थेरेपी कारगर पद्धति साबित हो रही है। उन्होंने एक बार फिर लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना का अभी तक कोई पुख्ता इलाज या कोई वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी है, ऐसे में केवल सावधानियों से ही कोरोना को हराया जा सकता है। जोरावार्ता