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पर्यटकों के अभाव में सूने पड़े हैं मंडावा के होटल

झुंझुनू, 27 सितम्बर(वार्ता) राजस्थान में झुंझुनू जिले के मंडावा कस्बे को हेरिटेज शहर कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, लेकिन पर्यटकों के अभाव में मंडावा के होटल सूने हैं।
मंडावा में झरोखे वाली बड़ी-बड़ी गगनचुम्बी हवेलियां हैं। मन को लुभाते हेरीटेज होटल हैं। पारम्परिक तरीके से आवभगत करने वाले लोग हैं। कई विदेशी भाषाओं के जानने समझने वाले गाइड हैं। यहां का वातावरण बहुत शांत एवं मनभावन है। डेजर्ट सफारी करने के लिए यहां ऊँचे-ऊँचे बालू रेत के टीलें हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी
सूना सूना सा लगता है। कोरोना के कारण पर्यटन सीजन में भी पर्यटक नहीं आ रहे। यहां आने वाले पर्यटकों में अस्सी फीसदी विदेशी पर्यटक होते हैं। उनमें भी अधिकतर फ्रांस के होते हैं।
विदेशी पर्यटक का मंडावा आने का सीजन जुलाई से मार्च तक चलता है। पर्यटक नहीं आने के कारण कई हवेलियों एवं हवेलियों में बने होटलों में मात्र एक या दो कर्मचारी ही काम पर रहे हैं। बाकी सभी कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है। हैरिटेज होटल के संचालक अरविंद पारीक ने बताया कि कोरोना काल में पर्यटन होटल व्यवसाय को बहुत बड़ा नुकसान हो गया है।
होटल में काम करने वाले कर्मचारी, दुकानवाले, शोरूम वाले, सफारी वाले, देसी जूतियां बेचने वाले, कुक, धोबी सहित पर्यटन व्यवसाय से करीब दो हजार से ज्यादा कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे। अस्सी फीसदी आय विदेशी पर्यटकों, दस फीसदी व्यवसायिक फिल्मों की शूटिंग एवं दस फीसदी देसी पर्यटकों से होती थी। इस बार सालासर, खाटूश्यामजी एवं राणीसती मंदिर में भी ज्यादा श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं। इस कारण मंडावा घूमने आने वाले देसी पर्यटक भी नहीं आ रहे।
एक होटल के प्रबंधक जनेन्द्र सिंह ने बताया कि होटल में मात्र दो कर्मचारी बचे हैं। हम तो ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि कोरोना की वैक्सीन जल्द आए ताकि सैकड़ों लोगों को फिर से रोजगार मिले। हमारे मंडावा में फिर से रौनक लौटे। मंडावा में 22 ट्यूरिस्ट होटल, 5 रेस्टोरेंट, 15 एंटीक वस्तुओं के शोरूम हैं। यहां होटल व्यवसाय से जुड़े 2000 कर्मचारी 25 अधिकृत गाइड कार्यरत हैं जो सभी कोरोना के कहर के चलते बेरोजगार हो गये हैं।
बीस साल से टूरिस्ट गाइड का काम कर रहे गाइड श्याम सिंह ने बताया कि जुलाई में पर्यटक आने शुरू हो जाते हैं। कोरोना के कारण गत मार्च से पर्यटक नहीं आए हैं। गाइडों के पास अब कोई काम नहीं रहा हैं। विदेशी पर्यटकों से बाजार एवं हवेलियां गुलजार रहती थीं। अब हवेलियां सूनी पड़ी हैं। कोई रास्ता भी दिखाई नहीं दे रहा है। होटल एवं हवेलियां सूनी पड़ी हैं। पर्यटन से जुड़े लोगों की सरकार को सहायता करनी चाहिए।
मंडावा आर्ट के संचालक संदीप सिंह का कहना है कि कोरोना काल में यहां लॉकडाउन के चलते 23 मार्च के बाद पर्यटक आने बंद होने के साथ ही दुकानें भी बंद हैं। लोकल ग्राहक सामान नहीं खरीदता है। कोरोना काल में पर्यटक नहीं आने से बेरोजगार हो गए हैं। अब ईश्वर से दुआ कर रहे हैं। कोरोना को हटाए और वैक्सीन जल्द बने।
केयर टेकर का काम करने वाले अशोक दुगड़ का कहना है कि मंडावा में पर्यटकों के आने से उनका घर खर्चा चलता था। पर्यटक नहीं आने से आमदनी बंद हो गई। अब पर्यटक आने का इंतजार कर रहे हैं। हवेली के बिजली -पानी एवं सफाई का खर्चा वहन करने में असमर्थ हैं। ईश्वर से दुआ कर रहे हैं खुशियां जल्दी लौटे।
पर्यटन विभाग के अनुसार झुंझुनू जिले में वर्ष 2018 में 5513, वर्ष 2019 में 3860, वर्ष 2020 में मार्च तक 3389 विदेशी पर्यटक आये थे। मंडावा कस्बे में अक्सर हिन्दी फिल्मों एवं टीवी सीरियलों की भी शूटिंग होती रहती थी मगर अब सब कुछ बंद पड़ा है।
सराफ सुनील
वार्ता
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