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पंजाब में सतलुज नदी पर प्रस्तावित औद्योगिक पार्क निरस्त करवाने की मांग

श्रीगंगानगर, 11 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान में श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के पर्यावरण प्रेमियों ने आज केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत से मुलाकात करके उनसे पंजाब के लुधियाना जिले में सतलुज नदी के समीप 1000 एकड़ भूमि में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र (टैक्सटाइल जोन) को निरस्त करवाने की मांग की।
हनुमानगढ़ टाउन में फूड ग्रेन मरचेंट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से दूषित जल असुरक्षित कल जन जागरण समिति, श्रीगंगानगर के पदाधिकारी और हनुमानगढ़ जिले के पर्यावरण प्रेमियों का शिष्टमंडल मिला। जन जागरण समिति की ओर से ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया है कि लुधियाना जिले में मत्तेवाडा के पास सतलुज नदी से महज आधा किमी दूर पंजाब सरकार ने लगभग 1000 एकड़ जमीन में औद्योगिक पार्क का निर्माण प्रस्तावित किया है। समिति का कहना है कि पहले से ही वहां सतलुज नदी और बुड्ढा दरिया पर लगभग 2000 उद्योग इकाइयां हैं। बेशुमार डेयरियां हैं, जिनमें करीब एक लाख पशु हैं। औद्योगिक इकाइयों और पशु डेयरियों का गंदा पानी, अपशिष्ट पदार्थ और केमिकल सतलुज नदी में बहाए जा रहे हैं। जिससे पंजाब के 12 जिलों में कैंसर, काला पीलिया, चर्म रोग और पेट की बीमारियों से हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लाखों लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है।
ज्ञापन में बताया गया कि सतलुज नदी का ही पानी फिरोजपुर हैड से इंदिरा गांधी नहर, गंगनहर और भाखड़ा सिंचाई प्रणालियों से राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों सहित आठ जिलों में पहुंचता है। पश्चिमी राजस्थान के इस इलाके के लोग भी कैंसर, काला पीलिया, किडनी तथा पेट संबंधी घातक बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। शिष्टमंडल ने बताया कि मत्तेवाडा में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र में लगने वाली औद्योगिक इकाइयों का केमिकल, अपशिष्ट पदार्थ और गंदगी आदि भी बुड्ढा नाला से सतलुज नदी में छोड़े जाएंगे। इसे नहीं रोका गया तो पश्चिमी राजस्थान के लोग भी अकाल मौत मरेंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने बुड्ढा नाला और सीवरेज सहित अनेक ड्रेन्स का पानी ट्रीटमेंट करने के लिए अनेक स्थानों पर ट्रीटमेंट प्लांट तो लगा रखे हैं लेकिन प्रदूषण नियंत्रण मंडल के निर्धारित मापदंडों पर यह खरे नहीं उतरे हैं। इनमें पानी का शुद्धिकरण पूरी तरह से नहीं होता।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने कहा कि इस प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के बारे में केंद्र सरकार को कोई जानकारी नहीं है। मत्तेवाडा में क्षेत्र के को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से पर्यावरण आदि की स्वीकृतियां के लिए पंजाब सरकार ने अभी आवेदन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इस मामले में केंद्र सरकार मानव जीवन ही नहीं बल्कि वन्य और जलीय जीव जंतुओं के हितों का पूरा ख्याल रखेगी। कोई प्रतिकूल कदम नहीं उठाया जाएगा।
इससे पहले श्रीगंगानगर जिले के राजियासर गांव में कृषक कल्याण चौपाल में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस इलाके की नहरों में आ रहे प्रदूषित पानी को रोकने के लिए उन्होंने पंजाब सरकार से 31 दिसंबर तक एक्शन प्लान देने के लिए कहा है।
सेठी सुनील
वार्ता
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