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कोटा नगर निगम चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला

कोटा, 20 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान में कोटा के दोनों नगर निगम चुनाव में सत्तारुढ़ कांग्रेस एवं विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना हैं।
कांग्रेस के सोमवार रात सभी अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद अब स्थिति स्पष्ट हो गई है और कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण नगर निगम में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच लग रहा है। हालांकि कुछ सीटों पर दोनों ही पार्टी के बागी भी मैदान में हैं जो समीकरण बिगाड़ सकते हैं लेकिन उन्हें मनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। अगर बागी नहीं मानते हैं तो कुछ जगहोंं पर त्रिकोणीय मुकाबला बन सकता है।
भाजपा ने दो दिन पहले ही दोनों नगर निगमों में अपने ज्यादातर प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी थी। भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज प्रमुख लोगों में कोटा उत्तर की कुनहाड़ी क्षेत्र के निवर्तमान पार्षद राकेश सुमन पुटरा शामिल है जिन्होंने कोटा में नगर निगम का पिछला चुनाव सबसे अधिक मतों से जीता था। इस बार टिकट नहीं मिला तो कोटा उत्तर नगर निगम के वार्ड 50 से निर्दलीय के रूप में अपना पर्चा भर दिया। कोटा दक्षिण में भी भाजपा के एक पूर्व मंडल अध्यक्ष खेमचंद शाक्यवाल ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर वार्ड 42 से पर्चा भर दिया है और भी कई बागी उम्मीदवार है। इनमें से ज्यादातर पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और प्रहलाद गुंजल खेमें के हैं जिन्हें इस बार ज्यादा तवज्जो नहीं मिल पाई।
कांग्रेस के भी कई बागियों ने पर्चे दाखिल किए हैं जिनमें जिग्नेश शाह प्रमुख नाम है जो दो बार पहले भी पार्षद रह चुके हैं मगर इस बार मांगने पर भी टिकट नहीं मिला तो वार्ड 38 से निर्दलीय के रूप में पर्चा भर दिया है जो सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित है। कांग्रेस के बोर्ड में वे विद्युत समिति के चेयरमैन भी रह चुके हैं। इसके अलावा झालावाड़ से कांग्रेस की टिकट पर सांसद का चुनाव लड़कर हार चुके प्रमोद शर्मा के भाई कपिल शर्मा भी कोटा उत्तर के वार्ड 57 से निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं। वैसे इक्के दुक्के नेताओं को छोड़कर कांग्रेस के ज्यादातर वरिष्ठ नेता प्रत्याशियों की सूची से सहमत हैं। नामांकन पर्चे भरने के बाद जो स्थिति सामने आई है, उसके अनुसार कोटा के दोनों नगर निगमों उत्तर एवं दक्षिण के 21 वार्डों में कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर है। कांग्रेस ने इस बार ऐसे 15 प्रत्याशियों पर फिर से दांव खेला है जो पिछले विभिन्न बोर्डों में पार्टी के पार्षद रह चुके हैं जबकि भाजपा ने तीन दर्जन से भी अधिक निवर्तमान पार्षद के टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। पार्टी के दो प्रत्याशी लगातार चौथी बार तो तीन प्रत्याशी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं जिनमें निवर्तमान बोर्ड की उपमहापौर सुनीता व्यास भी शामिल है।
हाड़ा जोरा
वार्ता
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