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कोटा के एक गांव में मिट्टी के रावण के पुतलों को पैरों से रौंदा

कोटा 25 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान के कोटा जिले के नांता गांव में दशहरा पर्व पर परम्परागत रुप से मिट्टी के रावण के पुतलों को पैरों से रौंदकर वध किया गया।
कई वर्षों पुरानी यह अनूठी परम्परा गांव के जेठी समाज निभाता आ रहा है और इसके तहत नदी पार क्षेत्र के नांता में लिम्बजा माता के मंदिर परिसर में अखाड़े में आयोजन किया गया। अखाड़े में पहलवानों ने मिट्टी के रावण के पुतलों को पैरों से रौंदकर उसका वध किया। इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का भी पूरा ध्यान रखा गया।
इस अवसर पर रावण के साथ उसकी पत्नी मंदोदरी के मिट्टी के पुतले भी बनाये जाते हैं। रावण और मंदोदरी के मिट्टी के पुतले नवरात्र से पहले तैयार करते हैं। इन पर ज्वारे बोए जाते हैं। दशमी के दिन पुतलों को रौंदने से पहले हनुमानजी की आरती होती है और ज्वारों को देवता और माताजी को अर्पित किया जाता हैं। इसके बाद में पैरों से रौंदकर रावण के पुतले का वध किया जाता हैं।
जोरा
वार्ता
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