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खनन गतिविधियों की निगरानी व्यवस्था होगी मजबूत-अग्रवाल

जयपुर, 25 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान में खनन गतिविधियों की निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीक ड्रोन का उपयोग किया जायेगा।
खान विभान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने आज बताया कि विभाग ने प्रदेश में खनन गतिविधियों पर निगरानी व्यवस्था को चाकचोबंद करने की कवायद शुरु कर दी है। उनके साथ सचिवालय में आयोजित बैठक में बैंगलुरु की एयूएस संस्था ने खनन गतिविधियों की निगरानी में आधुनिक तकनीक ड्रोन के उपयोग के संबंध में विस्तार से प्रजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी।
संस्था के प्रतिनिधि विपुल सिंह ने बताया कि देश के कुछ प्रदेशों में ड्रोन तकनीक का उपयोग आरंभ कर दिया है। ड्रोन तकनीक से 3डी इमेज प्राप्त कर सूक्ष्मतम गतिविधियों को देखने के साथ ही गतिविधियों का आकलन किया जा सकता है।
डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य में खनन गतिविधियों पर निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक कारगर सिद्ध हो सकती है। विभाग के अधिकारियों द्वारा गुजरात में इसका अध्ययन किया गया है वहीं राज्य में आधुनिक तकनीक के उपयोग के सभी संभावित पक्षों का अध्ययन आरंभ कर दिया गया हैै।
उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक से सभी खनन गतिविधियों खनन कार्य, खनन से निकाले गए खनिज की मात्रा, परिवहन, पर्यावरण मानकों की पालना, खनन गतिविधियोें में सुरक्षा मेजर्स की पालना, श्रमिकों की स्वास्थ्य प्रोटोकाल की पालना सहित सभी पक्षों की निगरानी के लिए आधुनिक सूचना तकनीक ड्रोन जैसी तकनीक के माध्यम से किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे जहां खनन गतिविधियों में सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित कराई जा सकेगी वहीं अवैध खनन से लेकर अवैध परिवहन एवं कार्मिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा साधनों आदि को देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे जहां अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी वहीं राजस्व चोरी रुकेगी और राज्य में खनन गतिविधियों से आय में बढ़ोतरी भी हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में खनन गतिविधियों की सूक्ष्म मोनेटरिंग के लिए विजिलेंस प्रकोष्ठ को मजबूत बनाने की घोषणा की थी और राज्य में खनन गतिविधियों पर निगरानी और सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चत कराना सरकार की प्राथमिकता है।
जोरा
वार्ता
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