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जनजाति उपयोजना, सहरिया तथा माडा क्षेत्र में वन धन विकास योजना लागू होगी-अग्रवाल

जयपुर 22 दिसमबर (वार्ता) राजस्थान में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने बताया कि राज्य के जनजाति उपयोजना, सहरिया तथा माडा क्षेत्र के आठ जिलों में ट्राईफेड के माध्यम से वन धन विकास योजना लागू होगी।
श्री शिखर अग्रवाल ने आज सात जिलों के कलक्टर्स, स्टेट मिशन निदेशक, राजीविका एवं आयुक्त जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर एवं विभागीय अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फे्रसिगं के माध्यम से योजना के क्रियान्वयन के बारे में चर्चा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि यह योजना प्रारम्भ में राज्य के आठ जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सिरोही, कोटा, बांरा तथा झालावाड़ में लागू की जा रही है। योजनान्तर्गत 300 सदस्यीय 555 वन धन विकास केन्द्र का गठन राजीविका तथा ग्राम वन सुरक्षा एवं प्रबन्धकीय समितियों के स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि वन धन विकास केन्द्रों में न्यूनतम 60 प्रतिशत सदस्य जाजाति समुदाय से होगें। प्रत्येक वन धन विकास केन्द्र के सदस्यों को क्षेत्र में उपलब्ध लधु वन, कृषि, आयूर्वेदिक औषधीय उपजों इत्यादि के संग्रहण, मूल्य संवर्धन, पैंकिंग एवं विपणन इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा उन्हें आवश्यकतानुरूप टूल किट इत्यादि भी उपलब्ध कराये जायेगें।
श्री अग्रवाल ने बताया कि योजनान्तर्गत प्रत्येक वन धन विकास केन्द्र को प्रशिक्षण तथा टूल किट हेतु पांच एवं दस लाख रूपये उपलबध कराये जायेगें जिससे वे आजीविका अर्जित कर सकेगें। उन्होंने बताया कि इस प्रकार गठित वन धन विकास केन्द्रों के समूहों से अन्ततोगत्वा ट्राईफेड द्वारा संचालित योजनान्तर्गत ट्राईफूड केन्द्रों का निर्माण हो सकेगा। ये ट्राईफूड केन्द्र विभिन्न प्रकार की उपजों का परिशोधन, मूल्य संवर्धन तथा विपणन कार्य वर्ष भर कर सकेगें।
रामसिंह
वार्ता
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