राज्य » राजस्थानPosted at: Feb 10 2021 10:31PM नजूल सम्पत्तियों का पर्यटन की दृष्टि से सदुपयोग हो-आर्यजयपुर, 10 फरवरी (वार्ता) राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने प्रदेश में अथवा प्रदेश के बाहर विभिन्न स्थानों पर स्थित नजूल सम्पत्तियों का पर्यटन की दृष्टि से सदुपयोग करने के निर्देश दिये हैं। श्री आर्य आज यहां शासन सचिवालय में सामान्य प्रशासन (सम्पदा) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में से ऎसे अनेक अनदेखे और अनछुए स्थान हैैं जिनका पर्यटन की दृष्टि से विस्तार कर राजस्व आय में बढ़ातरी की जा सकती है। उन्होंने राज्य में एवं राज्य से बाहर सभी नजूल सम्पदाओं, कास्टोडियन एवं शत्रु सम्पदाओं की इन्वेन्ट्री लिस्ट तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह देखा जाये कि उनका उपयोग किस प्रकार से किया जा सकता है। इसके लिए नजूल सम्पत्तियों को पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में विभाजित कर सम्पत्तियों का समुचित उपयोग किया जाये। श्री आर्य ने बारां जिले के शाहबाद, भीलवाड़ा के बदनौर,अजमेर के सरवाड़ तथा भरतपुर जिले के फूलमहल जैसी पर्यटन की विपुल सम्भावनाओं वाली नजूल सम्पत्तियों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। श्री आर्य ने निर्देश दिए कि नजूल सम्पत्तियों के लिए स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गठित मंत्री मण्डलीय उपसमिति में वर्गीकृत नजूल सम्पत्तियों की लिस्ट, प्रोपटी का नक्शा और विस्तृत कार्य योजना बना कर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।रामसिंहवार्ता