राज्य » राजस्थानPosted at: Feb 12 2021 9:07PM अजमर में चांद नहीं आने से धार्मिक रस्में कल रात से शुरु होंगीअजमेर, 12 फरवरी (वार्ता) सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 809वें सालाना उर्स पर आज चांद रात होने के बावजूद चांद नजर नहीं आने के कारण अब धार्मिक रस्में कल रात से शुरू होंगी और 14 फरवरी से विधिवत उर्स का आगाज होगा। राजस्थान में अजमेर दरगाह कमेटी के अधीन हिलाल कमेटी के फैसले के मुताबिक मोरखा 12 फरवरी जुम्मा को रजब उल मरजब 1442 हिजरी का चांद नजर नहीं आया है। लिहाजा 13 फरवरी को जमादिउल आखिर 1442 हिजरी के चांद की तीस तारीख होगी और 14 फरवरी को रजब माह का आगाज होगा। उर्स का चांद नजर नहीं आने के चलते रात में जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा और एक बार फिर कल सुबह तड़के इसे खोला जाएगा। उर्स को देखते हुए दरगाह शरीफ जायरीनों से आबाद है, लेकिन चांद के दीदार नहीं होने और हिलाल कमेटी की घोषणा के बाद बिरादरी मेंं हलकी सी मायूसी देखने मे आई है। हालांकि अब एक दिन विलंब से उर्स के आगाज की खुशियां भी मुस्लिम चेहरों पर दिखाई दे रही है। अनुराग सुनीलवार्ता